प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल में एक नया प्रयोग करने की योजना बनाई है। इस योजना का पूरा खाका उनके पहले बजट में मार्च महीने में सामने आएगा, लेकिन अभी सभी जिलों के उपायुक्तों को दिए गए काम के मुताबिक इसका मकसद सामने आ गया है।
दरअसल मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हिमाचल के हर जिले में हेलिकॉप्टर उड़ान की सुविधा पर्यटकों को दी जाए और इसका किराया भी कम हो। इसके लिए हर जिला में हेलिपोर्ट बनाने की योजना पर अभी से काम शुरू कर दिया है। सीएम ने सभी जिलों के उपायुक्तों को लैंड ट्रांसफर करने का काम दिया गया है।
इससे पहले भारत सरकार की उड़ान स्कीम के तहत शिमला के संजौली, रामपुर, मनाली, बद्दी और मंडी के कांगनी धार इत्यादि में हेलिपोर्ट बन रहे हैं। इनमें से कांगनीधार में टर्मिनल बिल्डिंग का काम चल रहा है, जबकि मनाली में सासे के हेलिपैड को यह दर्जा दिया गया था। हालांकि यह हेलिपोर्ट राज्य सरकार के सीधे कंट्रोल में नहीं है और रक्षा मंत्रालय से बार-बार दिक्कत भी आ रही है।
भुंतर में एयरपोर्ट है लेकिन अब पीरढ़ी के पास अलग से जमीन देखी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद पर्यटन पर अलग से बैठक लेनी है और इस बैठक में इस जमीन को लेकर रिपोर्ट रखी जाएगी। पहले यह बैठक 25 दिसंबर को तय हुई थी।
शीतकालीन सत्र की वजह से हो सकता है, इसकी डेट बदलनी पड़े। इसी आधार पर फिर नए बजट में राज्य सरकार की अपनी स्कीम हेलिटैक्सी को लेकर आएगी। हिदायत यदि गई है कि ऐसी जमीन देखी जाए जहां पर फॉरेस्ट केस एफसीए का नहीं बनाना पड़े।