हिमाचल में नकली एपीआई सप्लाई रैकेट का भंडाफोड़

बीबीएन। हिमाचल प्रदेश में नकली दवाओं के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दवा नियंत्रण प्रशासन और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की संयुक्त टीम ने सक्रिय औषधि घटकों (API) की अवैध आपूर्ति में लिप्त एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

यह गिरोह थोक दवा व्यापार की आड़ में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा था। विशेष खुफिया सूचना के आधार पर अधिकारियों ने पांवटा साहिब बस स्टैंड के समीप स्थित एक लाइसेंसी गोदाम में छापा मारा।

यह गोदाम 25 दिसंबर 2028 तक वैध लाइसेंस प्राप्त था। तलाशी के दौरान दो प्रकार की एपीआई—थायोकॉल्चीकोसाइड और एज़िथ्रोमाइसिन—बरामद की गईं, जिनके नकली अथवा मानक से घटिया होने की आशंका जताई गई है।

राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने बताया कि जब छापेमारी दल ने गोदाम मालिक से इन औषधियों की खरीद से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो वह कोई वैध रसीद या प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सका।

इस पर उसे मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया। थायोकॉल्चीकोसाइड आमतौर पर मांसपेशियों की ऐंठन और सूजन के इलाज में प्रयुक्त होती है, जबकि एज़िथ्रोमाइसिन एक व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक है।

राज्य सरकार ने इस प्रकार के अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और दोषियों के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी और औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि मामले की जांच को प्राथमिकता पर आगे बढ़ाते हुए सभी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

राज्य दवा नियंत्रण प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे दवाओं की खरीद केवल अधिकृत और लाइसेंसी विक्रेताओं से ही करें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें।

प्रशासन ने यह भरोसा दिलाया कि नकली औषधियों की आपूर्ति पर सख्ती से अंकुश लगाने के लिए सीडीएससीओ तथा अन्य राज्यों की नियामक एजेंसियों के साथ समन्वित प्रयास लगातार जारी रहेंगे।

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