हिमाचल प्रदेश के 49 और स्वास्थ्य संस्थानों में डायलिसिस यूनिट की सुविधा शुरू होने जा रही है। प्रदेश सचिवालय शिमला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इस पर बैठक हो चुकी है।
इसमें डायलिसिस चिकित्सा सुविधा शुरू करने के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया है। अभी हिमाचल के 20 स्वास्थ्य संस्थानों में यह सुविधा उपलब्ध है।
अब 49 और अस्पतालों में 45 करोड़ रुपये की लागत से डायलिसिस यूनिट स्थापित किए जाने हैं। स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित अस्पताल प्रशासन को जगह उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की है। हिमाचल में कई लोग किडनी की बीमारी से परेशान हैं।
ऐसे में लोगों को नजदीकी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। डायलिसिस शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त फ्लूड को हटाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है। इसकी जरूरत तब होती है, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती।
कई कारणों से लोगों को डायलिसिस की जरूरत हो सकती है, लेकिन रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को पर्याप्त रूप से फिल्टर करने के लिए किडनी की अक्षमता सबसे आम है।
किडनी फेलियर से पीड़ित लोगों में रक्त परीक्षण से पता चलता है कि किडनी अब अपशिष्ट उत्पादों को पर्याप्त रूप से फिल्टर नहीं कर सकती है।
इसके बाद डॉक्टर तब तक डायलिसिस जारी रखते हैं, जब तक किडनी की कार्यक्षमता पर्याप्त रूप से ठीक नहीं होती।