चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे को 7 दिनों के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है। हालांकि अभी तक वन-वे ट्रैफिक को ही बहाल किया गया है।
गौरतलब है कि 9 जुलाई की शाम 6.30 बजे चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे पंडोह में 6 मील के पास भारी लैंडस्लाइड के चलते पूरी तरह से बंद हो गया था।
वहीं वैकल्पिक मार्ग कमांद-कटौला भी कमांद के घोड़ा फार्म के पास भारी लैंडस्लाइड के चलते 3 दिन बंद रहा, जिसे वाहनों की आवाजाही के लिए वन-वे खोल दिया गया है।
चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे बहाल होने से यहां पर मंडी से लेकर सुंदरनगर तक फंसे सैंकड़ों वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है।
रोजाना 16 घंटे लगातार काम में जुटी रही मशीनरी
नैशनल हाईवे को बहाल करने के लिए एनएचएआई, फोरलेन निर्माण कार्य में लगी कंपनी व ठेकेदारों की कड़ी मेहनत रंग लाई है। इस नैशनल हाईवे को बहाल करने के लिए रोजाना 16 घंटे लगातार मशीनरी जुटी रही।
4 दिन लगातार 16 घंटे चट्टानें व मलबा हटाते रहने के बाद 5वें दिन शनिवार को इस नैशनल हाईवे को 11.30 बजे के करीब वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।
एक हफ्ते बाद पूरी तरह से बहाल होगा नैशनल हाईवे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र ने बताया कि भारी बारिश के कारण चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे जगह-जगह लैंडस्लाइड होने के कारण बंद हो गया था।
सबसे बड़ा लैंडस्लाइड 6 मील के पास हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद वन-वे ट्रैफिक के लिए बहाल कर दिया गया है। दोतरफा ट्रैफिक बहाल करने के लिए एक हफ्ता और लगेगा।
मंडी में 400 के करीब वाहन फंसे हैं, जिन्हें कुल्लू की ओर रवाना किया जा रहा है। वहीं कुल्लू में फंसे 100 के करीब वाहनों को निकाला जा रहा है।