हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में रबी फसलों बुआई में देरी और राज्य का आतिथ्य उद्योग खराब मौसम की स्थिति पर नजर रखे हुए है। राज्य में दिन के समय असामान्य तापमान में वृद्धि और ज्यादातर इलाकों में साफ मौसम के असामान्य रुझानों के कारण मौसम विशेषज्ञ कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहे हैं।
किसान हल्की वर्षा और हिमपात का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि गेहूं की फसल के लिए खेत में नमी की स्थिति में कुछ वृद्धि की आवश्यकता होती है और सेब उत्पादक भी बगीचों में बेसब्री से धूल और सूखी मिट्टी से छुटकारा पाने के लिए इसका इंतजार कर रहे हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने से धर्मशाला और यहां के ऊंचाई वाले इलाकों में 60 प्रतिशत बारिश होने के आसार के बाद किसानों के बारिश के इंतजार खत्म होने की उम्मीद जगी है।
लाहौल स्पीति जिला प्रशासन ने पहले ही लोगों के लिए चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगो को दुर्गम इलाकों में जाने से बचने को कहा है क्योंकि इस मौसम में ऊंची चोटियों की ओर जाना बहुत जोखिम भरा कदम हो सकता है।
मौसम विभाग ने बताया कि 22 और 23 दिसंबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू और शिमला जिले के ऊंचे इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश या फिर हिमपात हो सकती है और राज्य के अन्य हिस्सों में 24-31 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने के आसार जताए गए हैं।