सीबीएसई बोर्ड में अभी तक इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करवाई जाती थी, पर अब बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक संबद्ध स्कूलों को पूर्व-प्राथमिक से कक्षा 12वीं तक शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में मातृभाषा का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
सीबीएसई के मुताबिक, यह एनईपी 2020 के प्रावधानों के अनुसार है। यह फैसला युवा छात्रों के लिए बहुभाषावाद के महत्त्वपूर्ण संज्ञानात्मक लाभों पर जोर देता है।
छात्रों को मातृभाषा पर विशेष ध्यान देने के साथ कई भाषाओं से अवगत कराया जाएगा। बोर्ड की तरफ से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि
सीबीएसई से संबद्ध स्कूल भारतीय संविधान की अनुसूची आठ में उल्लेखित भारतीय भाषाओं का उपयोग मूलभूत चरण से लेकर माध्यमिक चरण के अंत तक यानी
पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से लेकर बारहवीं कक्षा तक वैकल्पिक माध्यम के रूप में अन्य मौजूद विकल्पों के रूप में करने पर विचार कर सकते हैं।