कोविडकाल के इस दौर में एचपी बोर्ड ने स्कूलों को लेकर पूरी प्लानिंग तैयार कर दी है। इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि राज्य में दसवीं व जमा दो की बोर्ड परीक्षाएं मार्च के अंत में आयोजित होंगी, जबकि हर साल मार्च के पहले हफ्ते में ये परीक्षाएं शुरू कर दी जाती थीं। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में एचपी बोर्ड के साथ बैठक सम्पन्न हुई।
इस बैठक में एचपी बोर्ड के चेयरमैन सुरेश सोनी मौजूद रहे। बैठक में उन्होंने सीएम के सामने प्रेजेंटेशन रखी। इस दौरान कहा गया कि एचपी बोर्ड की ओर से गठित की गई एक्सपर्ट शिक्षकों की समिति ने रिपोर्ट में बताया है कि हिमाचल में सीबीएसई की तर्ज पर कक्षा नवीं से जमा दो तक 30 प्रतिशत सिलेबस कम नहीं किया जाएगा, बल्कि किताबों से उस टोपिक को हटाया जाएगा, जो बार-बार रिपीट हुआ होगा।
इसके अलावा परीक्षाओं में छात्रों को 30 प्रतिशत ज्यादा ऑप्शन दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। विंटर वेकेशन वाले स्कूलों में नॉन बोर्ड परीक्षाएं भी मार्च में ही करवाने का प्रोपोजल है।
इसके अलावा कक्षा पहली से चार और कक्षा छह से सातवीं तक के छात्रों की परीक्षाओं को लेकर स्कूल प्रबंधन को ही जिम्मेदारी दी गई है कि वे जितना सिलेबस छात्रों को पढ़ाया गया है, उसके अनुसार उनका एग्जाम करवा लें। अगर बात कक्षा पांचवी ओर आठवीं की हो, तो इसमें एचपी बोर्ड ने सीएम को बताया है कि इन दोनों कक्षाओं में भी 30 प्रतिशत ज्यादा ऑप्शन छात्रों को दिए जाएंगे।
सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि इस बार एचपी बोर्ड की एक्सपर्ट टीम ने जो प्रोपोजल तैयार किया है, उसमें यह भी कहा गया है कि दसवीं व जमा दो तक के छात्रों के फाइनल प्रेक्टिकल भी एचपी बोर्ड नहीं लेगा, बल्कि स्कूल प्रबंधन ही लेंगे।
गौर हो कि हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित इस बैठक में एचपी बोर्ड ने अपनी ओर से बनाई गई फाइनल रिपोर्ट में कहा है कि इस बार बोर्ड के एग्जाम में छात्रों को 30 प्रतिशत ऑप्शन भी एग्जाम में बढ़ाए जाएंगे। वहीं आसान पेपर फाइनल परीक्षाओं में डाला जाएगा।
फिलहाल इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रधानाचार्य, अभिभावकों व अन्य लोगों से भी इस पर सुझाव लिए जाएं। वहीं, दो सिंतबर तक सभी लोग इस पर अपनी राय दे सकते हैं।
उसके बाद मुख्यमंत्री खुद दो सितंबर को एचपी बोर्ड की एक्सपर्ट टीम से दूसरी बार वीडियो कान्फ्रेंस करेंगे, वहीं पांच सिंतबर को अंतिम मुहर लग जाएगी कि स्कूल खुलने के बाद किस तरह से यह सेशन चलेगा, वहीं एग्जाम से लेकर छात्रों की पढ़ाई किस आधार पर होगी।
एचपी बोर्ड ने शुक्रवार को जो प्रोपोजल सरकार को सौंपा है, उसमें कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद छात्रों को सेकंड सेटरडे का अवकाश नहीं होगा। इसके साथ ही दूसरी छुट्टियों पर भी कट लगाया जा सकता है।
हिमाचल सरकार पांच सितंबर यानी शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल प्लानिंग पर अंतिम मुहर लगाएगी। सरकार तब ऐलान करेगी कि स्कूलों में किस तरह से कोविडकाल में दूसरी बार शिक्षा व्यवस्था चलेगी।