हिमाचल प्रदेश में साइबर शातिरों ने लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। शादी के मुहूर्त का फायदा उठाकर ठग व्हाट्सएप पर डिजिटल शादी के कार्ड भेज रहे हैं। कार्ड का इस्तेमाल अब मालवेयर फैलाने और पर्सनल डाटा चुराने के लिए किया जा रहा है।
ठगों ने शादी के कार्ड के नाम पर वायरस फाइलें (ऐपीके फाइल) भेजनी शुरू कर दी हैं, जिनसे फोन में मालवेयर डाउनलोड होता है। इससे हैकर्स आपके डिवाइस तक पहुंच रहे हैं।
साइबर ठग इसका फायदा उठाकर लोगों के खातों में सेंधमारी कर रहे हैं। साइबर पुलिस के पास इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। पुलिस विभाग ने मामला को गंभीरता से लेते हुए एडवाइजरी जारी कर लोगों को सचेत रहने को कहा है।
साइबर पुलिस ने कहा है कि ठग अब व्हाट्सएप के जरिये शादी के कार्ड के रूप में फर्जी फाइलें भेज रहे हैं। ये फाइलें डाउनलोड करने से न केवल फोन की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है, बल्कि हैकर्स आपका पर्सनल डाटा को चुरा सकते हैं और आपके फोन से मेसेज भेजकर पैसे भी निकाल सकते हैं।
पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी अज्ञात नंबर से शादी कार्ड या कोई संदिग्ध फाइल आए, तो उसे बिल्कुल न खोलें और न ही डाउनलोड करें।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने कहा अगर कोई अज्ञात नंबर से डिजिटल शादी कार्ड या अन्य फाइलें मिलती हैं, तो उसे बिना वेरिफाई किए न खोलें और न ही डाउनलोड करें।
शातिर आपका डाटा चुराकर खाते में सेंधमारी कर सकते हैं। शिमला, धर्मशाला और हमीरपुर से इस तरह की शिकायतें आई है।
ऐपीके फाइल्स कैसे करती हैं काम
इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में किसी अज्ञात नंबर से शादी का कार्ड भेजा जाता है, जिसमें एक ऐपीके फाइल छिपी रहती है, जब इस फाइल को डाउनलोड किया जाता है, तो यह फोन में एक एप इंस्टॉल कर देती है, जिससे हैकर्स को यूजर के स्मार्टफोन तक पूरी पहुंच मिल जाती है।
इसके बाद हैकर्स यूजर के पर्सनल डाटा जैसे संपर्क सूची, बैंक डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में ये ठग यूजर के फोन का इस्तेमाल करके उसके दोस्तों से पैसे ऐंठने के लिए भी फर्जी संदेश भेजते हैं।