हिमाचल प्रदेश में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक साहसिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। प्रतिबंध के दौरान साहसिक गतिविधियों के संचालन पर पर्यटन विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
बरसात में हर साल दो माह के लिए साहसिक गतिविधियां बंद रहती हैं। पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, वाटर स्पोर्ट्स सहित अन्य गतिविधियों के लिए दो माह का इंतजार करना पड़ेगा।
हालांकि, आपदा के चलते कुछ स्थानों पर पहले से ही साहसिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। अब दो माह के लिए यह गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई हैं।
विभाग की ओर से इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। विभाग की ओर से उपमंडल अधिकारियों को भी इस बारे में पत्र लिखा गया है, ताकि सभी क्षेत्रों पर निगरानी की जा सके।
प्रतिबंध के दौरान यदि कोई साहसिक गतिविधियों का संचालन करता है तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उल्लंघनकर्ताओं को जुर्माना और उसका लाइसेंस रद्द करना इसमें शामिल होता है, साथ ही सभी प्रकार की सामग्री जो गतिविधियों में प्रयोग होती है, उसको जब्त किया जा सकता है।
बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, चंबा सहित अन्य जिलों में अब पर्यटकों को साहसिक गतिविधियों के लिए दो माह का इंतजार करना पड़ेगा।
जिला पर्यटन अधिकारी बिलासपुर रितेश पटियाल ने बताया कि प्रदेश में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक साहसिक गतिविधियों पर रोक रहेगी। इसका उल्लंघन करने पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वहीँ धर्मशाला की इंद्रूनाग के साथ लगते ऊपरी क्षेत्र बनगोटू की नई पैराग्लाइडिंग साईट में रविवार दोपहर बाद टेंडम फ्लाईट के टेकऑफ करते समय हुई दुर्घटना में गुजरात के पर्यटक की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल पायलट का उपचार चल रहा है।
इस दुर्घटना में पायलट सहित गुजरात का पर्यटक युवक घायल हो गए थे जिन्हें उपचार के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था।
मृतक पर्यटक युवक की पहचान गुजरात के अहमदाबाद के 25 वर्षीय सतीश राजेश भाई पुत्र राजेश भाई के रूप में हुई है। गंभीर रुप से घायल हुए पायॅलट की पहचान सूरज पुत्र संसार चंद निवासी टऊ धर्मशाला के रूप में हुई है।