मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश सचिवालय में हुई वर्ष 2025 की अंतिम मंत्रिमंडल बैठक में करीब 2400 नौकरियों का पिटारा खुला है। इसके तहत मार्च, 2026 से 100 सरकारी सीबीएसई स्कूलों में कक्षाएं बैठेगी तथा वर्ष 2028 में दसवीं व बाहरवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की जाएगी।
सरकार ने सीबीएसई स्कूलों के संचालन के लिए 100 करोड़ रुपए जारी करने और भर्ती, प्रशिक्षण, कार्यकाल एवं प्रदर्शन मूल्यांकन मानदंडों के साथ एक समर्पित सब-कैडर बनाने को मंजूरी प्रदान की है।
इन स्कूलों में शिक्षक व गैर शिक्षक श्रेणी के 1500 पद भरे जाएंगे, जिसमें गणित के 400, अंग्रेजी के 400, स्पैशल एजुकेटर के 100 पद, योगा शिक्ष के 100 पद एवं मल्टी टास्क वर्कर के 300 पद भरे जाएंगे। वहीं चयनित स्कूलों को सीबीएसई पैट्रन के अनुरुप अपग्रेड किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में 53 असिस्टैंट प्रोफैसर, विभिन्न श्रेणियों के 121 व 600 असिस्टैंट स्टाफ नर्स भर्ती होंगी
बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टैंट प्रोफैसर के 53 पद और विभिन्न श्रेणियों के 121 पद भरने का निर्णय लिया गया है।
इसी तरह असिस्टैंट स्टाफ नर्सिंग पॉलिसी के तहत हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से असिस्टैंट स्टाफ नर्स के 600 पद सृजित करने को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में योग्यता हासिल करने वाले फैकल्टी डॉक्टरों को बेसिक पे का 20 फीसदी इंसेंटिव देने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग में जॉब ट्रेनी और जूनियर इंजीनियर (सिविल) के 40 रिक्त पदों को भरने एवं ग्रामीण विकास विभाग में सीधे भर्ती के माध्यम से खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के 10 पदों को भरने की मंजूरी दी प्रदान की गई है।
अनुकंपा आधार पर 28 आश्रितों को रोजगार प्रदान करने की मंजूरी
इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग में अनुकंपा आधार पर 28 आश्रितों को रोजगार प्रदान करने को भी मंजूरी दी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी ज्वाइंट मैंबर सेक्रेटरी पद को सृजित करने का निर्णय भी लिया गया।
हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे 20 लॉ क्लर्क कम रिसर्च असिस्टैंट का वेतन 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार प्रतिमाह किया है। इसी तरह 1 पद सांइटिफिक ऑफिसर एनडीपीएस फारैसिंक डिपार्टमैंट निदेशालय में सृजित किया गया है।
घुमारवीं में आधुनिक वाणिज्यिक परिसर निर्माण को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र में स्थित मोहल मौजा पनोल शाहरी तथा औहर में आधुनिक वाणिज्यिक परिसरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई।
इसी तरह तकनीकी शिक्षा निदेशालय के तहत सभी 5 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एप्लाइड साइंसेज और ह्यूमैनिटीज में असिस्टैंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों को कार्यात्मक रुप से इंटरचेंजेबल मानते हुए फंक्शनल ईक्विवेलेंस मॉडल (एफईएम) को अपनाने की मंजूरी दी। कार्यात्मक इंटर चेंजेबिलिटी को ट्रांसफर या डेपुटेशन नहीं माना जाएगा और सभी मौजूदा स्वीकृत पदों का एक एकेडमिक पूल बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में डिजिटल रूप से कुशल और उद्यमी कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए बिलासपुर जिले के घुमारवीं में सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर मल्टीडिसिप्लिनरी इंस्टीट्यूट ऑफ इन्नोवेशन, स्किल, टेक्नोलॉजी, एंटरप्रिन्योरशिप एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी स्थापित करने की मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र में स्थित मोहल मौजा पनोल शाहरी तथा औहर में आधुनिक वाणिज्यिक परिसरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय के तहत सभी पांच सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एप्लाइड साइंसेज और ह्यूमैनिटीज में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों को कार्यात्मक रूप से इंटरचेंजेबल मानते हुए फंक्शनल इक्विवैलेंस मॉडल को अपनाने की मंजूरी दी।
कार्यात्मक इंटर-चेंजेबिलिटी को ट्रांसफर या डेपुटेशन नहीं माना जाएगा और सभी मौजूदा स्वीकृत पदों का एक एकेडमिक पूल बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की।
इसके अनुसार नि:शुल्क बिजली रॉयल्टी को कम की गई समान दर पर वसूलने में दी जा रही छूट यानी 12 प्रतिशत नि:शुल्क बिजली तथा एक प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का लाभ उन परियोजनाओं को भी दिया जाएगा, जिनकी क्षमता 25 मेगावाट तक है और जिनके कार्यान्वयन समझौते पहले ही हस्ताक्षरित हो चुके हैं।
यह छूट उन परियोजनाओं पर लागू नहीं होगी, जिनके बिजली क्रय समझौते (पावर परचेज एग्रीमेंट) पहले ही हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के साथ निष्पादित हो चुके हैं।
साथ ही यह छूट उन परियोजनाओं पर भी लागू नहीं होगी, जो पहले से ही चालू हो चुकी हैं। मंत्रिमंडल ने एसजेवीएनएल की नाथपा झाकड़ी तथा रामपुर जल विद्युत परियोजनाओं में इक्विटी ऊर्जा हिस्सेदारी को हिमाचल प्रदेश सरकार को पुन: आबंटित करने की स्वीकृति भी प्रदान की, ताकि ऊर्जा निदेशालय के माध्यम से बिक्री की जा सके।































