शिमला : हिमाचल में नई सरकार बनाने को लेकर 12 नवम्बर को मतदान होगा। इस मतदान प्रक्रिया को लेकर करीब 2400 बसें ड्यूटी पर जाएंगी। बसों को भेजने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। 10 नवम्बर से लेकर 12 नवम्बर तक रूटों पर लोगों को कम बसें मिलेंगी।
चुनाव आयोग के आदेशानुसार चुनाव ड्यूटी के लिए लगाई जाने वाली बसों की संभावित संख्या तय कर दी है। प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए संबंधित डिपो से बसें भेजी हैं। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए नोडल परिवहन अधिकारी ने सभी आरएम के साथ बैठक कर यह प्लान तैयार किया है।
प्रदेश में अलग-अलग पोलिंग स्टेशनों में एचआरटीसी की बसें जहां पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र में छोड़ने जाएंगी, वहीं मतदान खत्म होने के बाद भी बसें कर्मचारियों को लाने और ईवीएम को स्ट्राॅन्ग रूम तक पहुंचाने के लिए ड्यूटी पर तैनात होंगी। इसके लिए एचआरटीसी की ओर से चालक-परिचालकों को विशेष दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
शिमला से चुनाव ड्यूटी पर जाएंगी 232 बसें
रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 30 बसें, ठियोग के लिए 35, जुब्बल कोटखाई के लिए 27, चौपाल के लिए 30, रोहड़ू के लिए 25, शिमला ग्रामीण के लिए 30, शिमला शहरी के लिए 11 और कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के लिए 22 बसें चुनावी ड्यूटी पर लगाई गई हैं। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए औसतन 3 बसें रिजर्व में रखी गईं। अधिक जानकारी के लिए फोन नंबर 0177-2800111 पर संपर्क कर सकते हैं।
जीपीएस से लैस होंगी बसें
एचआरटीसी की बसों में जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) लगाया गया है ताकि बसों को ट्रैक कर यह पता लगाया जा सके कि वह किस रूट से होकर जा रही हैं। जीपीएस लगाने का मकसद चुनाव में पारदर्शिता बरतना है। इसमें बसों को उन्हीं रूटों से गुजरना होगा जो चुनाव आयोग ने तय कर रखे हैं।
हिमाचल में एचआरटीसी के बेड़े में 3500 बसें हैं। इनमें से 3000 के करीब बसें अभी वर्तमान में चल रही हैं जबकि अन्य बसें खराब हैं। बसें हिमाचल से बाहर विभिन्न रूटों पर चलती हैं जिसमें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हरिद्वार व चंडीगढ़ तमाम प्रदेशों के रूट हैं। इस तरह से एक साथ चुनावी ड्यूटी में बसों के जाने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।