विद्युत बोर्ड में 11.84 करोड़ की गड़बड़ के चलते दर्ज हुई एफआईआर

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में 11.84 करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत विद्युत बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता ने विजिलेंस के पास दर्ज करवाई है।

विजिलेंस ने बोर्ड के तीन पूर्व इंजीनियरों और मैसर्ज गिलवर्ट इस्पात प्राइवेट के दो निदेशकों पर एफआईआर दर्ज की है। जानकारी के अनुसार, बद्दी में कई साल पहले मैसर्ज गिलवर्ट इस्पात प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी चल रही थी।

इस कंपनी ने बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया। बिल अमाउंट अधिक होने पर बोर्ड अधिकारियों ने कंपनी का बिल इक_ा लेने के बजाय इंस्टालमेंट में कर दिया और कंपनी का बिजली मीटर दोबारा चालू कर दिया।

इसके बाद कंपनी ने बिल के भुगतान के चेक देने शुरू किए। बाद में चेक बाउंस हो गए। कुछ समय बाद कंपनी डिफॉल्ट हो गई और बोर्ड अधिकारी कंपनी से बिजली बिल नहीं वसूल पाए। इस कंपनी का लगभग 11.84 करोड़ रुपए का बिल पेंडिंग बताया जा रहा है।

विजिलेंस मुख्यालय को मार्च 2025 में शिकायत मिली थी कि बोर्ड के कुछ अधिकारियों ने बरोटीवाला स्थित प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नियमों के विपरीत लाभ पहुंचाया है।

इस शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच हुई और सरकार से अनुमति लेने के बाद विजिलेंस ने मामला दर्ज किया। एफआईआर में चार अधिकारियों सहित अज्ञात अधिकारियों को नामजद किया गया है।

विजिलेंस को दी शिकायत में विद्युत बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता ने आरोप लगाया है कि एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की बिजली सप्लाई छह अक्तूबर, 2012 को लंबित बकाया राशि चुकाए बिना ही दोबारा जोड़ दी गई।

यह पूरा काम नियमों को ताक पर रखकर मात्र एक ही दिन में जल्दबाजी में किया गया। बिजली की पुनर्बहाली के लिए वित्त एवं लेखा शाखा से अनिवार्य मंजूरी नहीं ली गई।

इस तरह कंपनी को अनुचित लाभ दिया गया और बोर्ड को करीब 11.84 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि बरोटीवाला विद्युत उपमंडल ने कंपनी के खातों का ठीक से मिलान तक नहीं किया।

विजिलेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सब कुछ बोर्ड के तत्कालीन सीएमडी की मंजूरी से हुआ, जो सप्लाई कोड 2009 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन था।

विजिलेंस ने अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

इस कार्रवाई से बिजली बोर्ड के भीतर हडक़ंप मच गया है।

इस मामले में बिजली बोर्ड के चेयरमैन संजय गुप्ता ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर (आपरेशन) राजेश कुमार ठाकुर, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (आपरेशन) अनूप धीमान, तत्कालीन चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) वाईआर शर्मा, मैसर्ज गिलवर्ट इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अभिनव मौदगिल और उमेश मौदगिल और बिजली बोर्ड के अन्य अज्ञात अधिकारियों व कर्मचारियों पर मामला दर्ज कराया है।