मणिमहेश में इस वर्ष करीब 30 सालों के बाद गर्म न्हौण होगा। लंबे अंतराल के बाद मणिमहेश यात्रा में गर्म न्हौण का यह योग बना है।

लिहाजा 15 अगस्त रात 11:50 मिनट पर डल झील में जन्माष्टमी का पवित्र छोटा न्हौण आरंभ होगा और 16 अगस्त रात लगभग 09:35 मिनट पर यह संपन्न होगा।
यानी जन्माष्टमी पर मणिमहेश डल झील में पवित्र स्नान का शुभ मुहूर्त दस घंटे 45 मिनट तक रहेगा। उपमंडल मुख्यालय भरमौर स्थित शनि देव मंदिर के पुजारी एवं मणिमहेश मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पंडित सुमन शर्मा ने यह खुलासा किया है। पंडित सुमन शर्मा ने बताया कि यात्रा के दौरान इस वर्ष जो योग बन रहा है, वह वर्ष 1995 में बना था।
उस दौरान वर्ष विक्रमी संवत के राजा सूर्य थे। इस वर्ष भी विक्रमी संवत है तथा इसका नाम विश्वावसु है और इस संवत के राजा भी सूर्य है।
पंडित सुमन शर्मा ने बताया कि मणिमहेश यात्रा में जन्माष्टमी का डल झील पर पवित्र स्नान 15 अगस्त रात 11:50 मिनट पर आरंभ होगा, जबकि 16 अगस्त रात करीब 09:30 मिनट तक यह पावन स्नान चलेगा।
सुमन शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी के व्रत शास्त्रों के हिसाब से 16 अगस्त को करना चाहिए। 15 अगस्त रात 11:50 मिनट पर जन्माष्टमी आरंभ होगी और 12 बजे भगवान कृष्ण को झुला झुलाया जाएगा।
शुभ समय पर डल झील में डुबकी बेहद लाभकारी
शुभ मुहूर्त में डल झील में आस्था की डुबकी लगाना शास्त्रों में बेहद शुभ और लाभकारी माना गया है। मणिमहेश न्यास के तहत मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर आगाज 16 अगस्त को होगा और यह 31 अगस्त तक चलेगी।
श्रद्वालुओं की आवाजाही को देखते हुए न्यास एवं प्रशासन की ओर से नौ अगस्त से यात्रा के विभिन्न पडावों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती कर दी है।
मणिमहेश में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ तैनात
मणिमहेश यात्रा में किसी भी आपात स्थित से निपटने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पर्वतारोहण संस्थान का दल रेस्क्यू के लिए तैनात रहेगा।
मणिमहेश मंदिर न्यास के अध्यक्ष एवं एडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने बताया कि यात्रा में 35 एनडीआरएफ, 36 एसडीआरएफ और 60 जवान पर्वतारोहण संस्थान भरमौर के अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहेंगे।