महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी संवत् कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है. वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 475वीं जयंती 20 मई को हर्षोल्लास के साथ पूरे देश में मनाई जा रही है. इस शुभ अवसर पर कई संगठन और संस्थाओं की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
संक्षिप्त परिचय :
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पूरा नाम महाराणा प्रताप
जन्म : 9 मई, 1540 ई.
जन्म स्थान : कुंभलगढ़ (राजस्थान)
मृत्यु : 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता : महाराणा उदयसिंह
माता : राणी जीवत कंवर
शासन काल : 1568-1597 ई.
शासन अवधि : 29 वर्ष
राज्य सीमा : मेवाड़
धर्म : हिंदू धर्म
युद्ध : हल्दीघाटी का युद्ध
राजघराना : राजपूताना
राजधानी : उदयपुर
महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराजा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर ई.स. 1540 में हुआ था.
महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था.
महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था.
मेवाड़ की शौर्य-भूमि धन्य है जहां वीरता और दृढ प्रण वाले प्रताप का जन्म हुआ.
जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर-अमर कर दिया.
उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया।
सन् 1576 के हल्दीघाटी युद्ध में करीब बीस हजार राजपूतों को साथ लेकर महाराणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के अस्सी हजार की सेना का सामना किया.
महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘चेतक’ था.
इस युद्ध में अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई.
शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया.
यह युद्ध केवल एक दिन चला परंतु इसमें सत्रह हजार लोग मारे गए.
मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए.
महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था.
उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया.