वर्ष 2018 में मां दुर्गा की शक्ति की उपासना का पर्व गुप्त नवरात्रि गुरुवार, 18 जनवरी से शुरू हो रहा है।माघ नवरात्र गुप्त नवरात्रों के नाम से भी जाने जाते हैं. माघ महीने यानि जनवरी या फरवरी माह में पड़ने के कारण इन नवरात्रों को माघ नवरात्र कहा जाता है, हालाँकि देश के अधिकतर भाग में माघ नवरात्रों के बारे में लोग नहीं जानते हैं.
उतर भारत में रहती है नवरात्रों की धूम
उत्तरी भारत जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब , हरियाणा, उत्तराखंड के आस पास के प्रदेशों में गुप्त नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में भी नौ दिनों तक क्रमानुसार देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में मां भगवती के गुप्त स्वरूप काली, तारा, बगला, षोडशी, आदि की आराधना की जाएगी। इन दिनों में मां दुर्गा की आराधना गुप्त रूप से की जाएगी।
ऐसे करें पूजा
मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजन करने का विधान है। इन दिनों भी 9 दिन के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा यानी पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए।
इन देवियों की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, धुमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी का पूजन करते हैं।
यह है गुप्त नवरात्रि का महत्व
देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह वर्ष में 4 बार नवरात्रि आती है और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष कर तांत्रिक कियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है।
साधक करते हैं कड़ी साधना
इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या-पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
26 जनवरी तक चलेगा यह पर्व
माघ मास की गुप्त नवरात्रि का पर्व 18 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक मनाया जा रहा है। ज्ञात हो कि वर्ष में आदि शक्ति मां भगवती की उपासना के लिए चार नवरात्रि आती है। इसमें दो गुप्त एवं दो उदय नवरात्रि होती हैं। चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि उदय नवरात्रि के नाम से भी जानी जाती है। आषाढ़ और माघ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। 18 जनवरी से माघ मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी।
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