पतलीकूहल: ऊझी घाटी में एक बार फिर देव आस्था की जीत हुई और देव शक्ति द्वारा मारा गया नड़ एक बार फिर जिंदा हो गया, वहीं इस दौरान देवताओं ने अपनी शक्ति से बुरी आत्माओं का भी खात्मा किया और देव उत्सव में उपस्थित हजारों लोगों को अपना आशीर्वाद दिया.
जिला कुल्लू के गांव पिछलीहार काथी-कुकड़ी में 38 साल बाद काहिका उत्सव मनाया गया जिसमें भगवान विष्णु, हरि नारायण, नाग धुम्बल, माता ज्वाला, हुरंग नारायण, नारायण, वीर नाथ और शेला देवता ने अपने सैंकड़ों हरियानों संग भाग लिया. देवताओं द्वारा पहले हरि नारायण स्थित मंदिर में देव प्रक्रिया को पूरा किया गया और देव विधि द्वारा काहिका की परंपरा को निभाया गया. काहिका उत्सव के आकर्षण नड़ अनु सजला निवासी द्वारा मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं पर जौ का आटा फैंका गया और उसके बाद काहिका की विधि को पूरा किया गया.
देवता के कारदार द्वारा नड़ को तीर मारा गया और नड़ अचानक मूर्छित होकर जमीन पर गिर गया. उसके बाद देव हरियानों द्वारा नड़ को उठाकर मंदिर के चारों ओर 3 चक्कर लगाए गए और उसे देवताओं के समक्ष रखा गया। जमीन पर गिरे नड़ को देवता के गूर द्वारा पानी पिलाया गया और देवताओं द्वारा उसे एक बार फिर से अपनी शक्ति द्वारा जीवित किया गया. नड़ के मंदिर में जिंदा होते ही श्रद्धालुओं ने देवताओं की जयकार की और फिर देवता से वर्ष भर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद ग्रहण किया.
स्रोत : पंजाब केसरी