आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.
बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन यानी पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार ये पर्व 5 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जा रहा है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है. वहीं इस बार बसंत पंचमी इसलिए भी बेहद शुभ मानी जा रही है, क्योंकि पंचमी तिथि पर त्रिवेणी योग बन रहा है.
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है. बसंत पंचमी को बहुत सी जगह पर श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार 5 फरवरी दिन शनिवार को बसंत पंचमी त्रिवेणी योग में मनाई जाएगी.
सिद्ध, साध्य और रवि योग के संगम की वजह से ये बसंत पंचमी शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले लेने और शिक्षा शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जा रही है.
बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बन रहा है.
4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 40 मिनट तक सिद्धयोग रहेगा. वहीं 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा.
बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है. यह मां सरस्वती की पूजा का दिन है. शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए आज का दिन शुभ माना जाता है. इस दिन कई लोग गृह प्रवेश भी करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं.
इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में कभी अड़चनें नहीं आती हैं.