हिमाचल प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2025 तक अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने की अधिसूचना जारी कर दी है।
साथ ही चार वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारियों को भी इसी तिथि से नियमित किया जाएगा। इसका लाभ हजारों कर्मचारियों को होगा।
इस संबंध में मंगलवार को कार्मिक विभाग की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, मंडलीय आयुक्तों, सभी विभागाध्यक्षों व डीसी को निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, सरकार की ओर से निर्धारित नियमों व शर्तों के पालन के अधीन इन कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
इन शर्तों के अनुसार अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारी उपलब्ध रिक्तियों के अनुसार नियमितीकरण के लिए पात्र होंगे। नियमितीकरण पूरी तरह वरिष्ठता के आधार पर होगा, बशर्ते कि पद के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में निर्धारित पात्रता मानदंड आदि का अनुबंध पर प्रारंभिक भर्ती के समय पालन किया गया हो।
उम्मीदवार को उस पद के लिए चिकित्सकीय रूप से फिट होना चाहिए जिसके लिए उसे नियमितीकरण के लिए विचार किया जा रहा है।
उम्मीदवार का मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना एफआर में निहित प्रावधानों के अनुसार सुनिश्चित किया जाएगा। नियमितीकरण, प्रदेश वित्तीय नियमों के अनुसार नियमितीकरण के लिए विचार किए जा रहे अभ्यर्थी के चरित्र और पूर्ववृत्त के सत्यापन के अधीन होगा।
संबंधित अभ्यर्थी की जन्म तिथि के निर्धारण के लिए हिमाचल प्रदेश वित्तीय नियम, 2009 के नियम 172 में निर्धारित मानदंडों का पालन किया जाएगा।
नियमितीकरण के लिए पात्र कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के लिए संबंधित विभाग में एक स्क्रीनिंग समिति गठित की जाएगी। अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारी को नियमित होने पर राज्य में कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकेगा।
दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिक भुगतान वाले कर्मी
दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिक भुगतान वाले कर्मचारियों को चार वर्ष की निरंतर सेवा (एक कैलेंडर वर्ष में न्यूनतम 240 दिन के साथ, जहां जनजातीय क्षेत्रों के लिए अन्यथा निर्दिष्ट नहीं है) पूरी करने के बाद नियमितीकरण के लिए विचार किया जाएगा और पात्रता 31 मार्च, 2025 तक देखी जाएगी। विभिन्न विभागों में उपलब्ध रिक्तियों पर नियमितीकरण पर विचार किया जाएगा।
नियमितीकरण के लिए नियम और शर्तें लागू होंगी। किसी भी श्रेणी का कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा, नियमितीकरण के बाद संबंधित दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिक वेतनभोगी कर्मचारी का मूल पद समाप्त कर दिया जाएगा।
नियमितीकरण उस वर्ष के लिए संबंधित विभाग को आवंटित बजट की उपलब्धता के अधीन होगा। चूंकि कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा, इसलिए कोई अतिरिक्त निधि बजट की मांग नहीं की जाएगी।
चार वर्षों की निरंतर सेवा ही पात्रता मानदंड है और नियमितीकरण केवल भावी प्रभाव से होगा अर्थात अपेक्षित औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद नियमितीकरण के आदेश जारी होने की तारीख के बाद होगा।
जिन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितिकरण के लिए विचार किया जा रहा है, उनके पास प्रारंभिक नियुक्ति के समय ऐसे पद के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।
हालांकि, यदि आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से शैक्षणिक योग्यता में छूट दी जा सकती है। वहीं ऐसे दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिक वेतनभोगी कर्मी के , जिन्होंने उच्चतर वेतनमान पद पर उच्चतर वेतन पर 4 वर्ष से कम समय तक कार्य किया है, उसे निम्नतर वेतनमान पद तथा उच्चतर वेतनमान पद दोनों में सेवा को मिलाकर नियमितीकरण के लिए विचार किया जाएगा।
लेकिन उसे निम्नतर पद पर नियमित किया जाएगा, क्योंकि उच्चतर पद पर नियमितीकरण के लिए उच्चतर वेतनमान पद पर 4 वर्ष की पूर्ण दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिक वेतनभोगी सेवा आवश्यक होगी। इसके अलावा अन्य कई शर्तों को भी पूरा करना होगा।