मां ! ममता की वह छांव है जिसके आगे ग्लेशियर की ठंडक भी फीकी पड़ जाए। एक मां ही तो है, जिसके आंचल में सारी थकान मिट जाती है। दुनिया में भूचाल आ जाए, पर मां अपने बच्चों को आंच तक नहीं आने देती। मरते दम तक मां अपने बच्चों को सीने से लगाकर रखती है। ममता की एक ऐसी दास्तां चौहार घाटी के तेरंग में देखने को मिली है, जिसने सभी का कलेजा चीर के रख दिया है।
बादल फटने के बाद तेरंग में लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला हुआ है। इसी दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई कि रेस्क्यू में लगे लोग भी आंसुओं को रोक न पाए। यहां मां-बेटी का शव मिला है, जिसे देख ऐसी अश्रुधारा निकली कि खुदा भी हैरान हो गया।
जब शव निकाले गए, तो मां ने अपनी दुधमुंही बची को सीने से लगाकर रखा था। इतने बड़े सैलाब के बाद भी अंतिम वक्त तक मां ने अपनी लाड़ली को नहीं छोड़ा।
मां के कलेजे से लिपटी तीन माह की दुधमुंही बच्ची और बेटी को वाहोंं में लपेटे हुए मां की यह तस्वीर देख वहां मौजूद हर शख्स अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया।
हर कोई दंग था कि इतने बड़े हादसे के दौरान भी मां ने मरने के बाद भी अपनी नन्हीं बेटी मानवी को नहीं छोड़ा।
इस दर्दनाक दृश्य ने हर किसी को रूला दिया। इसीलिए कहते हैं कि मां है, तो दुनिया का हर दुख तिनके के समान है। तेरंग में अब तक आठ लापता लोगों के शव बरामद हो चुके हैं।
अब केवल खुड्डी देवी और हरदेव लापता हैं, जिन्हें ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं। समस्त हिमाचल में बादल फटने के बाद 41 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है।
इन 41 में से किसी के भी जिंदा निकलने की उम्मीद न के बराबर है। सिर्फ भगवान का करिश्मा ही कुछ कर सकता है।