नई पे-कमीशन के पे-रिवीजन रूल्स में संशोधन के लिए जयराम सरकार पर दबाव बढ़ गया है। कई विभागीय संगठनों द्वारा आपत्ति जताने के बाद अब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने भी पे-कमीशन में संशोधन की मांग की है। नए पे-रिवीजन रूल्स तीन जनवरी, 2022 को अधिसूचित हुए थे।
महासंघ के महासचिव राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे लिखित ज्ञापन में तीन प्रमुख बातें उठाई हैं। उन्होंने मांग की है कि पंजाब सरकार की तरह हिमाचल में भी कर्मचारियों को 2.25 और 2.59 गुणांकों के साथ 15 फीसदी का विकल्प दिया जाए।
महासंघ ने यह मांग भी की है कि हिमाचल ने 2012 में संशोधित वेतनमान लागू करते हुए दो साल के राइडर के साथ हायर ग्रेड-पे कर्मचारियों को दी थी, लेकिन 2022 में रिवाइज्ड पे-स्केल देती बार इस बात को ध्यान में नहीं रखा गया।
इसलिए जिन कर्मचारियों के दो साल पूरे नहीं हुए हैं, उनको नुकसान हो रहा है। महासंघ ने यह भी कहा है कि तीन जनवरी, 2022 को अधिसूचित नए वेतनमान में 4-9-14 जैसी एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।
इसलिए जो कर्मचारी 31 दिसंबर, 2015 को 4-9-14 पा चुके हैं, उनकी फिक्सेशन में दिक्कत आ रही हैं। महासंघ का कहना है कि पंजाब सरकार की तहत 15 फ़ीसदी का विकल्प कर्मचारियों को मिलना चाहिए। जो दो साल के राइडर के कारण हायर ग्रेड-पे में विसंगति आ रही है उसको 1-10-2012 या रेगुलराइजेशन की डेट पर नोशनल आधार पर हायर पे-स्केल के हिसाब से दिया जाए।
जिन कर्मचारियों को 4-9-14 मिल चुका है, उनका यह लाभ भी पंजाब की तरह प्रोटेक्ट किया जाए। गौरतलब है कि इससे पहले न केवल राजकीय अध्यापक संघ, बल्कि शिक्षा विभाग के अन्य कैडर संगठन भी पे-कमीशन का विरोध कर चुके हैं।
हिमाचल शिक्षक संघ ने इस बारे में एक ज्ञापन भी सरकार को दिया था, जो मुख्य सचिव के मार्फत वित्त विभाग में आया है, लेकिन अब अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के ज्ञापन के बाद अब सरकार पर पे-कमीशन में संशोधन का दबाव बढ़ गया है।