हिमाचल में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट देखी गई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में कुछ स्थानों पर व्यापक स्तर पर आंधी-तूफान और ओलावृष्टि होने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
बेमौसम बारिश के कारण राज्य में न्यूनतम तापमान में दो से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें लाहुल-स्पीति के ताबो में सबसे कम 5.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
ऊना में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो प्रदेश में सबसे गर्म स्थान रहा। इस बीच शिमला में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो पिछले दिन से 3.5 डिग्री सेल्सियस कम है।
कुफरी में तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि मनाली में 11.9 डिग्री सेल्सियस और नारकंडा में 8.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
राज्यभर में पिछले 24 घंटों में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई जिसमें सोलन में सबसे अधिक 39.0 मिमी बारिश हुई। उसके बाद घाघस में 33.8 मिमी, बिलासपुर में 26 मिमी रायपुर मैदान में 26.6 मिमी और राजगढ़ एवं मेहरे बरसार में 25-25 मिमी बारिश हुई।
शिमला शहर में 11 मिमी बारिश हुई जबकि जुब्बरहट्टी हवाई अड्डे पर 6.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही आंधी और ओलावृष्टि होने की भी खबरें हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला के चौपाल क्षेत्र में भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण सेब की फसल और अन्य गुठलीदार फलों को नुकसान पहुंचा।
कुफरी में 65 किमी प्रति घंटा और बिलासपुर में 60 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से चलने वाली आंधी और तेज हवाओं ने यातायात को बाधित किया और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।
उधर, बेमौसम बारिश और हिमपात ने राज्य में लंबे समय तक चल रहे सूखे से राहत मिली है। बारिश होने से सूखे प्राकृतिक जल स्रोतों में पानी आने लगा है, जिससे सिंचाई पर निर्भरता कम हो गई है और खरीफ फसलों की शुरुआती बुवाई संभव हो गई है।
इस बीच तापमान में अचानक गिरावट के कारण निचले पर्वतीय और मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी से राहत मिली है हालांकि आने वाले दिनों में नमी का स्तर बढ़ने से असुविधा हो सकती है। लगातार बादल छाए रहने और धुंध के कारण कई इलाकों में दृश्यता कम रही।