हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य जिलों में मंगलवार दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 आंकी गई है।
भूकंप का केंद्र नेपाल में जमीन के अंदर पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था, लेकिन इसके झटके प्रदेश के कई भागों में भी महसूस किए गए। भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 आंकी गई है। भूकंप अपराह्न करीब 2.51 बजे दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है।
कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं।
भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं।
सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं।
इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।