हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जिला कांगड़ा में पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेललाइन पर बंद पड़ी रेलगाड़ियां भाजपा-कांग्रेस उम्मीदवारों का इम्तिहान लेंगी। रेलमार्ग पर बंद पड़ी रेलगाड़ियाँ चुनावों में बड़ा मुद्दा होगा। पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग के नाम पर हमेशा ही भाजपा-कांग्रेस ने राजनीति की है, जबकि इस रेलमार्ग के सुधार की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
लोकसभा चुनावों में पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग को ब्रॉडगेज करने का वादा करके वोट तो हथिया लिए जाते हैं, जबकि जीतने के बाद कुछ भी नहीं किया जाता। सरकारों की अनदेखी के कारण चक्की पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
अन्य भी कई पुल जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं, जिनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस रेलमार्ग पर पिछले काफी माह से रेलगाड़ियां बंद पड़ी हैं, लेकिन इनको चलवाने की तरफ कोई रुचि नहीं दिखाई।
यह रेलमार्ग जिला कांगड़ा के अंतर्गत विस क्षेत्र नूरपुर, जवाली, फतेहपुर, इंदौरा, देहरा, कांगड़ा, नगरोटा बगवां, पालमपुर, बैजनाथ, जोगिंद्रनगर, जवालाजी व सुलाह इत्यादि को आपस में जोड़ता है, लेकिन इसके बाद भी इसकी अनदेखी की जाती है।
रेलगाड़ियों के बंद होने से उक्त विधानसभा क्षेत्रों की जनता आवागमन के लिए निर्भर करती है, जिनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर को तो इस रेलमार्ग की शायद याद भी नहीं है जबकि उन्होंने लोस चुनाव में इस रेलमार्ग को ब्रॉडगेज करवाने का वादा किया था।
जिला कांगड़ा के किसी भी सांसद सहित विधायक ने इस रेलमार्ग पर रेलगाडिय़ों की बहाली की आवाज को नहीं उठाया तथा अब चुनावों में जनता के बीच जाकर रेलगाड़ियों को अतिशीघ्र शुरू करवाने की बात कर रहे हैं। जिला कांगड़ा की जनता ने भी इस बार भाजपा से बदला लेने का मन बना लिया है।
जनता ने कहा कि चुनावों से पहले तो भाजपा ने इसकी सुध नहीं ली लेकिन अब वोटों के लिए रेलगाड़ियां चलाने का वादा कर रहे हैं। बुद्धिजीवियों ने कहा कि अब जनता किसी के बहकावे में नहीं आएगी।