जोगिन्दरनगर : भारी बारिश के कारण बरोट घाटी के 25 गांवों का बिजली पानी व सड़क संपर्क पिछले 48 घंटों से बंद है। वहीं बाढ़ के कारण प्रभावित हुई 110 मेगावाट की विद्युत परियोजना शानन भी पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है।
वहीं ऊहल नदी में आई बाढ़ के कारण बड़ा गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल बह गया है। जिससे कई गांवों का संपर्क बंद हो गया है। वहीं बरोट से बड़ा गांव से आगे राजगुंदा की तरफ सड़क का एक बड़ा हिस्सा भी बह गया है।
बरोट से घटासनी सड़क बंद होने के कारण पूरे क्षेत्र का संपर्क मंडी व जोगिंद्रनगर से कटा हुआ है। वहीं शानन परियोजना के आठों गेट खोल कर लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। क्षेत्र के सभी 6 प्रमुख मार्ग बंद पड़े हुए हैं।
जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और जरूरी सामान की सप्लाई भी नहीं पहुंच पा रही है।
क्षेत्र में 55 ट्रांसफार्मर बंद होने से सभी गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप्प पड़ी है। बरोट क्षेत्र में विभिन्न जगहों में अभी भी बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं।
रास्ते बंद होने के कारण पर्यटकों के निकलने का कोई मार्ग नहीं बन पा रहा है। हालांकि सभी को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है।
बरोट क्षेत्र के घटसा के झैड़ी में बादल फटने की अफवाहें ने लोगों को खूब डराया। यहां बादल फटने की अफवाह फैल गई कि 200 लोग फंस गए हैं और कुछ बह गए हैं, लेकिन बाद प्रशासन ने जब इस बात की जांच करवाई तो यह सारा मामला अफवाह निकला।
मुलथान तहसीलदार पूर्ण चंद कौंडल नेे बताया कि अभी हालात सामान्य होने में समय लगेगा। बादल फटने की अफवाह थी और प्रशासन ने हालात पर नजर रखे हुई हैं।
क्षेत्र में 55 ट्रांसफार्मर बंद होने से सभी गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप्प पड़ी है। बरोट क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं। रास्ते बंद होने के कारण पर्यटकों के निकलने का कोई मार्ग नहीं बन पा रहा है।