जिला कुल्लू, मंडी व कांगड़ा के मध्य पर्वत शृंखला पर स्थित पवित्र झील डैहनासर में 20 भादो के शाही स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। लगघाटी, चौहार घाटी, बरोट व छोटा भंगाल के देवी-देवताओं ने यह प्रतिबंध लगाया है।
माता फुंगणी के कारदार राम लाल ठाकुर ने बताया कि यहां झील को अपवित्र किया जा रहा है, जिस कारण देवी-देवताओं ने प्रतिबंध लगाया है।
उन्होंने कहा कि 7 देवताओं माता फुंगणी, कतरूसी नारायण, त्रिजुगी नारायण, पंचाली नारायण, फलाणी नारायण, हुरंग नारायण व वीरनाथ ने गुरवाणी में कहा कि डैहनासर झील अपवित्र हो रही है क्योंकि लोग यहां आकर गंदगी फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि माता फुंगणी के गुर व हरियान इस आदेश का पालन करेंगे। इस बार डैहनासर में 20 भादो का शाही स्नान नहीं होगा।
कारदार राम लाल ने कहा कि लोग वहां जाकर गंदगी फैला रहे हैं और कई प्रकार की निषेध वस्तुओं को ले जा रहे हैं, जिससे देवी-देवता नाराज हैं।
उन्होंने कहा कि यहां के लिए न ही यातायात का साधन है और न ही प्रशासन का कोई पहरा है। सभी को देवी-देवता के आदेश मानने होंगे और जो देव आदेशों का उल्लंघन करता है, उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन और सरकार से आग्रह किया है कि जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उन्हें पर्यटन स्थल न बनाया जाए।
गौर रहे कि डैहनासर झील समुद्र तल से 14,040 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैली है। जहां प्राचीन काल से देवी-देवताओं का पवित्र शाही स्नान होता है।