मंडी जिला के जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सांडा पत्तन लडभड़ोल तथा संधोल क्षेत्र के तहत स्योह के समीप निर्माणाधीन ब्यास नदी के ऊपर सांडा पत्तन पुल का कार्य पूर्ण होने से न केवल जोगिंद्रनगर व धर्मपुर विधानसभा क्षेत्रों के हजारों लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा सुनिश्चित होगी बल्कि दोनों विधानसभा क्षेत्रों के कई गांव के बीच दूरी का फ ासला भी कम हो जाएगा।
ब्यास नदी पर लगभग 23 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हो रहे इस महत्त्वपूर्ण पुल का 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है तथा नवंबर 2021 तक यह पुल वाहनों के आवागमन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। ब्यास नदी पर सांडा पत्तन लड़भड़ोल में निर्मित किए जा रहे इस पुल के पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने से जोगिंद्रनगर विधानसभा के लड़भड़ोल क्षेत्र के लोगों को चंडीगढ़, दिल्ली, लुधियाणा, जालंधर सहित सुजानपुर, हमीरपुर, संधोल, धर्मपुर व प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के बीच आने जाने का फासला कम हो जाएगा।
इससे न केवल यहां के लोगों के धन की बचत होगी बल्कि आवागमन में समय भी कम लगेगा। वर्तमान समय में इस क्षेत्र के लोगों को संधोल व आसपास के क्षेत्रों के आवागमन के लिए सांडा पत्तन में नाव का ही एकमात्र सहारा है। बरसात के मौसम के दौरान ब्यास नदी में जल स्तर बढऩे से नाव का संपर्क भी टूट जाता है। ऐसे में ब्यास नदी के दोनों ओर के हजारों लोगों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
लडभड़ोल क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थान मां सिमसा के दर्शनों के लिए प्रतिवर्ष हिमाचल प्रदेश व दूसरे राज्यों के हजारों श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ एवं संतान प्राप्ति की चाहत में मां सिमसा के दरबार में पहुंचते हैं। जिनके लिए भी सांडा पत्तन पुल न केवल दूरी को कम करेगा, बल्कि धन व समय की भी भारी बचत होगी। वर्तमान में श्रद्धालुओं को वाया बैजनाथ या सरकाघाट होते हुए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है, लेकिन इस पुल के शुरू हो जाने से यह सफर काफ ी कम रह जाएगा।
इस बात की पुष्टि करते हुए अधिशांषी अभियंता लोक निर्माण विभाग जोगिंद्रनगर संजीव सूद ने बताया कि ब्यास नदी पर सांडा पत्तन में निर्मित हो रहे 180 मीटर लंबे प्री-स्ट्रेस्ड कैंटीलीवर ब्रिज पुल का वर्तमान में 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है तथा नवंबर 2021 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।