राखी का शुभ-अशुभ समय
रक्षाबंधन पर इस बार पंचक के संग शनि के साथ कालसर्प योग का योग तो है ही, संग दो बड़े ग्रहणों के दुष्प्रभाव की छाया भी इस बार 113 वर्षों बाद पड़ने का संयोग बना है। इस कारण 26 अगस्त की शाम ही 5:25 बजे राखी का शुभ टाइम खत्म हो जाएगा. श्रावण मास की पूर्णिमा को यह बहनों का सबसे बड़ा त्योहार मनाया जाता है.
पंडित राजीव शूर बोले, 26 को सायं 5:25 से पहले बहनें पूरा कर लें रक्षाबंधन का काम
इस बार भद्रा 26 अगस्त को प्रातः 4:23 बजे तक रहेगी और सूर्योदय से ही 26 अगस्त को पूर्णिमा शुरू होने से रक्षाबंधन का कार्य सायं 5:25 बजे तक ही रहेगा। इससे पूर्व रक्षाबंधन का कार्य बहने कर लें। भद्रा में शुभ कार्य नहीं होता।
राखी बांधने का समय: सुबह 5 बजकर 59 मिनट से शाम 5 बजकर 25 मिनट तक (26 अगस्त 2018)
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से Iशाम 4 बजकर 12 मिनट तक (26 अगस्त 2018)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: दोपहर 03 बजकर 16 मिनट (25 अगस्त 2018)
पूर्णिमा तिथि समाप्त: शाम 05 बजकर 25 मिनट (26 अगस्त 2018)
पंचक अशुभ कारक होने से खतरनाक प्रभाव आएगा, साथ ही दो बड़े ग्रहणों के प्रभाव का असर सूर्य-चंद्रमा दोनों पर 41-41 दिन रहता ही है, पृथ्वी और प्राणियों पर छह मास से अधिक अशुभ प्रभाव रहना ही है, जबकि शनि का धनु राशि में होना भारत की नाम राशि पर वैसे ही खराब चल रहा है।
हनुमानजी और गणेश जी को पहले राखी बांधे
हनुमानजी और गणेश जी को पहले राखी बांधे। पांच लड्डू दोनों को या एक को भी चढ़ाएं। प्रातः ही या बाद में मंदिर में रख दें, स्वयं नहीं खाएं।