हिमाचल के 7 जिलों में आज बारिश-बर्फबारी के आसार

मौसम की बदलती बेरूखी और अलग-अलग अंदाज ने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सभी को चौंका दिया है। ठंड के इस दिसम्बर महीने में राजधानी शिमला एक असामान्य गर्म रात का गवाह बनी है, जहां न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो न सिर्फ सामान्य से 6.1 डिग्री ज्यादा है बल्कि दिल्ली और चंडीगढ़ जैसी मैदानी जगहों से भी अधिक रहा।

मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर में पहली बार शिमला में रात का पारा इस स्तर पर पहुंचा है और बीते 24 घंटों में इसमें 2.4 डिग्री की तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

शिमला में रात का पारा सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वहीं, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री, गुडग़ांव में 10 डिग्री और चंडीगढ़ में 7.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

वहीं मौसम विभाग का कहना है कि 20 और 21 दिसंबर को प्रदेश के मध्यवर्ती और उच्च पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।

खासतौर पर लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कुल्लू, शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में बादल बरस सकते हैं, हालांकि मैदानी इलाकों में मौसम साफ बना रहने की संभावना है, इसके बाद 22 से 25 दिसंबर तक प्रदेश भर में मौसम साफ रहने का अनुमान है।

मैदानी और मध्यवर्ती इलाके शिमला से ठंडे

दिलचस्प यह है कि इस बार हिमाचल के कई मैदानी और मध्यवर्ती इलाके शिमला से ज्यादा ठंडे हैं।

सुंदरनगर में रात का पारा 2.7 डिग्री, भुंतर में 3.5, कल्पा में 3.4, सोलन में 3.2, पालमपुर में 5.5, मंडी में 6.2, कांगड़ा में 5.7, हमीरपुर में 4.9, ऊना में 7.0 और बिलासपुर में 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, यानी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और सोलन जैसे जिले शिमला से ज्यादा ठंडे रहे।

नाहन में न्यूनतम तापमान 9.8, जुब्बड़हट्टी में 9.2, पांवटा साहिब में 9.0, सराहन में 5.0, कसौली में 11.7 और कुफरी में 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि ऊंचाई वाले जनजातीय इलाकों में कड़ाके की ठंड का असर बरकरार है।

जनजातीय क्षेत्रों में जमने लगे जल स्त्रोत

लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 2.3 और कुकुमसेरी में माइनस 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे जल स्रोत जमने लगे हैं। राज्य के मैदानी इलाकों में ठंड के साथ कोहरे की मार भी देखने को मिली।

बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा और सुबह दृश्यता घटकर करीब 50 मीटर रह गई। मंडी में भी कोहरे का असर दर्ज किया गया।

राज्य में सूखे जैसे हालात

उल्लेखनीय है कि राज्य में लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न होने के कारण सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। नवंबर महीने में सामान्य से करीब 95 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई, जबकि दिसंबर में अब तक सामान्य से लगभग 100 फीसदी कम वर्षा हुई है।

इसका असर तापमान के असामान्य उतार-चढ़ाव के रूप में सामने आ रहा है और शुष्क ठंड के कारण लोग सर्दी के साथ-साथ सूखे मौसम की मार भी झेल रहे हैं।