अब आम लोग भी बिजली का उत्पादन घर की छतों पर कर सकेंगे। प्रदेश में पहली बार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए यह योजना शुरू की गई है। घरेलू सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार 50 फीसदी तक सबसिडी देगी। घर की छत पर लगने वाला यह प्लांट तीन किलोवाट तक की क्षमता का होगा।
एक लाख 26 हजार रुपए में इसका निर्माण पूरा हो सकेगा। इसमें 63 हजार रुपए का खर्च घर के मालिक को उठाना होगा, जबकि अन्य धनराशि ऊर्जा विभाग मुहैया करवाएगा। इसमें 40 फीसदी सबसिडी जो करीब 50,400 रुपए बनेगी केंद्र सरकार देगी और चार हजार रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से 12 हजार रुपए की सबसिडी राज्य सरकार मुहैया करवाएगी। प्रोजेक्ट में 12 यूनिट प्रतिदिन का उत्पादन हो सकेगा। साल भर में करीब 3600 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा।
उपभोक्ताओं को दो रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से साल में करीब 7200 रुपए की वसूली होगी। आठ साल तक पे बैक पीरियड रहेगा और उसके बाद आगामी 16 साल तक मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए हिमाचल में 15 मेगावाट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसमें 1.5 मेगावाट के प्रोजेक्ट फिलहाल आबंटित किए जा चुके हैं। हिम ऊर्जा विभाग ने लक्ष्य पूरा करने की तैयारियां तेज कर दी हैं। खास बात यह है कि बिजली के बिल की तय दर पर 30 फीसदी तक का फायदा उपभोक्ताओं को होगा। मौजूदा समय में बिजली के बिल की घरेलू दर 3.38 प्रति यूनिट है और अब 1.40 रुपए की बचत उपभोक्ताओं को होगी। घरों में तैयार होने वाली बिजली ग्रिड में जाएगी और बिजली बोर्ड उपभोक्ताओं को वापस बिजली उपलब्ध करवाएगा।
हिमऊर्जा के सीईओ रूपाली ठाकुर ने बताया कि ग्रिड कनेक्टिड रूफ टॉप सौर ऊर्जा यंत्र स्थापित करने की योजना शुरू की गई है। प्रदेश भर में 15 मेगवाट उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से अभी तक 1.5 मेगावाट उत्पादन क्षमता के संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। पहली बार घरेलू उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ा गया है। अब घरेलू उपभोक्ता भी घर की छत पर बिजली का उत्पादन कर पाएंगे। उन्हें प्रति यूनिट में डेढ़ रुपए तक का फायदा होगा।