अब बहुत कम दिखते हैं “नाजा रे पेड़ू”

जोगिन्दरनगर : क्या आप को पता है “नाजा रे पेड़ू” (अनाज सुरक्षित रखने के बड़े बर्तन) क्या होते हैं ?? ये “नाजा रे पेड़ू” बांस के पेड़ से अलग -अलग आकार के बने होते थे जिनमें धान, गेहूं और मक्की आदि अनाज को सुरक्षित रखा जाता है.

अनाज को रखते थे सुरक्षित

काफी समय पहले जब सयुंक्त परिवार होते थे तो सभी लोग खेतों में मिल जुल कर काम करते थे. फसल भी खूब होती थी.  ऐसे में अनाज को सुरक्षित रखने के लिए बड़े बर्तनों की जरूरत होती थी. बांस के पेड़ से बने होते थे नाजा रे पेड़ू. नाजा रे पेड़ू बांस से बने होते थे जो टिकाऊ भी होते थे.

आज भी प्रयोग होता है बांस से बना सामान

आज भी घरों में बांस की बनी गोबर का टोकरा,सुप,चंगेर और अन्य छोटे बने हुए टोकरों का प्रयोग किया जाता है लेकिन वर्तमान भागदौड़ की जिन्दगी में अब कहीं -कहीं दिखते हैं नाजा रे पेड़ू . नाजा रे पेड़ू बांस के पेड़ से जब तैयार किया जाता है तो उसकी बाहर से पुताई की जाती है.

गोबर से की जाती है पुताई

नाजा रे पेड़ू की बाहर और अंदर से गोबर से पुताई की जाती थी. गोबर से पुताई करने पर उसमें कीड़ा नहीं लगता है और अनाज भी सुरक्षित रहता है. वर्षों तक अनाज को नाजा रे पेड़ू  में सुरक्षित रखा जाता है.

अब कम हो रहा नाजा रे पेड़ू का प्रयोग

वर्तमान में अनाज के इन बर्तनों का बहुत ही कम प्रयोग किया जाता है. अब कहीं कहीं दिखते हैं ये बर्तन. सयुंक्त परिवारों के टूटने के कारण अब लोगों का खेती से मोह भंग होने लगा है. अब पहले जैसी फसल भी देखने को नहीं मिलती और न ही अनाज को सुरक्षित रखने के लिए ये नाजा रे पेड़ू.