उन्होंने कहा कि ऐसा होने से घर बैठकर ही डाक्टर से चैकअप का समय लिया जा सकेगा। कौल सिंह ठाकुर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनुबंध डाक्टरों के वेतन बढ़ाने का मामला वित्त विभाग को भेज दिया है। अभी सरकार की तरफ से अति दुर्गम क्षेत्रों में 55,000 रुपए वेतन दिया जाता है। इसके साथ ही दुर्गम क्षेत्रों में 40 से 45,000 रुपए वेतन दिया जाता है।
शिशु मृत्यु दर घटकर 28 तक पहुंची
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर वर्ष2015-16 में घटकर 28 तक पहुंच गई है जबकि वर्ष 2012 में यह दर 36 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिशु मृत्यु दर वर्ष 2022 तक घटाकर 20 तक लाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी भी 30 लाख लोग ऐसे हैं जो किसी भी स्वास्थ्य योजना से नहीं जुड़े थे। इन सभी लोगों को स्वास्थ्य योजना के तहत लाने के लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हैल्थ केयर योजना शुरू की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के लागू होने से हिमाचल देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां हर व्यक्ति किसी न किसी स्वास्थ्य योजना से जुड़ा होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भविष्य में प्रदेश में हर स्वास्थ्य संस्थान में 56 जीवन रक्षक दवाइयां नि:शुल्क दी जाएंगी।
प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य पर 26,000 खर्च
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाएं देशभर में सबसे बढिय़ा हैं और यहां सरकार द्वारा हर व्यक्ति पर हर साल 26,000 रुपए स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल को वर्ष 2022 तक क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। आज टोल फ्री नंबर 104 के माध्यम से भी रोगी डाक्टरों से परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रोल फ्री नंबर के माध्यम से 25,795 लोग डाक्टरों से परामर्श ले चुके हैं।
कैंसर, नर्सिंग स्कूल व डैंटल कालेज होगा शिफ्ट
स्वास्थ्य मंत्री ने आई.जी.एम.सी. शिमला से कैंसर अस्पताल, नर्सिंग स्कूल व डैंटल कालेज को शिमला के निकट मल्याणा में स्थानांतरित करने की बात भी कही ताकि आई.जी.एम.सी. में भीड़ भाड़ कम की जा सके। आई.जी.एम.सी. में 20 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा ट्रॉमा सैंटर इसी साल बनकर तैयार हो जाएगा जबकि मल्याणा में 150 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सुपर स्पैशलिटी अस्पताल में हर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होगी।
नुक्सान की भरपाई को केंद्र ने नहीं दिया पैसा
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक आशा कुमारी की तरफ से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने जानकारी दी कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन से हुए नुक्सान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से एक नया पैसा नहीं मिला है। प्रदेश में वित्त वर्ष, 2016-17 के दौरान भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन से करीब 985.47 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा से नुक्सान के मानसून सीजन में 863 करोड़ 97 लाख रुपए तथा विंटर सीजन में 121 करोड़ 50 लाख रुपए राहत के तौर पर मांगे थे लेकिन केंद्र सरकार ने आपदा राहत राशि के तौर पर एक भी पैसा अब तक प्रदेश को जारी नहीं किया है।
स्रोत : पंजाब केसरी