उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मणिमहेश डल झील पर इस वर्ष करीब छह लाख के करीब श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। इसके साथ ही 17 दिनों तक अधिकारिक तौर पर चली मणिमहेश यात्रा का भी समापन हो गया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का 26 अगस्त को अधिकारिक तौर पर आगाज हुआ था, जबकि मणिमहेश यात्रा की हेलिटैक्सी 22 अगस्त से ही आरंभ होने के चलते यात्रियों का उस दौरान भी जाने का सिलसिला आरंभ हो गया था।
मणिमहेश यात्रा में राधा अष्टमी का शाही स्नान मंगलवार रात 11 बजकर 13 मिनट पर आरंभ हुआ था और यह बुधवार दोपहर दो बजकर 20 मिनट तक चला। इस शाही स्नान के दौरान करीब एक लाख यात्रियों ने डल में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया है।
बहरहाल, राधा अष्टमी के शाही न्हौण के शुभ मुहूर्त की समयावधि समाप्त होने के साथ ही मणिमहेश यात्रा का भी अधिकारिक तौर पर समापन हो गया है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि इस वर्ष मणिमहेश यात्रा में छह लाख श्रद्धालुओं द्वारा स्नान करने का अनुमान है।
राधा अष्टमी के स्नान में करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने डल में आस्था की डुबकी लगाई है। गुरुवार को मणिमहेश यात्रा के विभिन्न सेक्टरों पर तैनात सेक्टर आफिसर, पुलिस जवान, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी वापस लौट आएंगे। -एचडीएम
होली के क्यूर डल और त्रिवेणी घाट में भी उमड़े भक्त
मणिमहेश यात्रा में राधा अष्टमी के पवित्र स्नान के साथ-साथ होली घाटी की दयोल पंचायत के क्यूर स्थित प्राचीन डल झील और त्रिवेणी घाट में भी बुधवार न्हौण का दौर को चला।
हालांकि इन जगहों पर मणिमहेश डल झील की अपेक्षा इन दोनों स्थानों पर श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम रही।
बता दें कि क्यूर डल झील को भगवान भोले नाथ के निवास स्थान के तौर पर मान्यता है, जबकि होली स्थित त्रिवेणी घाट तीन नदियों के संगम पर है और यहां स्थित एक झरने का पानी मणिमहेश से आता है।