हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में शनिवार को न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की संकल्प रैली हुई। इसमें कर्मचारियों ने पारंपरिक पगड़ियां पहनकर ढोल-नगाड़ों की थाप पर सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। कर्मचारियों ने बच्चों के साथ हाथों में बैनर और छाते लेकर शहर में रैली निकाली।
इस दौरान पुलिस का कड़ा पहरा रहा। रैली विपाशा सदन में करीब 12 बजे शुरू हुई। करीब डेढ़ बजे सेरी मंच पर पहुंची। इसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सेरी मंच पर छाते लेकर कर्मचारी नेताओं का भाषण सुनते हुए कर्मचारियों ने पेंशन बहाली को लेकर आवाज बुलंद की।
सेवानिवृत्त कर्मचारी भी उपस्थित रहे। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि संगठन हर जिले में पेंशन संकल्प रैलियां कर रहा है। इसकी शुरुआत किन्नौर से हुई थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सांविधानिक पद पर बैठकर कर्मचारियों से बदले की भावना से काम किया है।
चेतावनी दी कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कर्मचारी मानसून सत्र के दौरान शिमला परिवार के साथ जाएंगे। अगर फिर भी कर्मचारियों की पेंशन बहाल नहीं होती तो इसका खामियाजा सरकार को चुनावों में भुगतना पड़ेगा। भाजपा को मिशन रिपीट नहीं करने दिया जाएगा।
मंडी के कर्मचारियों पर दबाव की राजनीति
जिलास्तरीय रैली जिलाध्यक्ष लेखराज की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि जिला मंडी के कर्मचारी पेंशन बहाली के लिए एकजुट हैं। पेंशन बहाली तक राज्य कार्यकारिणी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते रहेंगे। कहा कि जिला मंडी में कर्मचारियों पर दबाव की राजनीति की जाती है, लेकिन फिर भी कर्मचारी हर तरह के दबाव से ऊपर उठकर पेंशन बहाली के लिए हमेशा संगठन के साथ खड़े हैं।
नई पेंशन के सहारे बुढ़ापा काटना मुश्किल
विभिन्न कोनों से मंडी संकल्प रैली में पहुंचीं महिला कर्मचारियों ने बताया कि एनपीएस कर्मचारियों के लिए नो पेंशन स्कीम बनकर आई है। सुनीता चौहान, पूजा सभ्रवाल, मंजुला वर्मा, वनिता सकलानी और रेखा शर्मा ने बताया कि नई पेंशन के सहारे जीवन और खासकर बुढ़ापा काटना मुश्किल होगा। महिला कर्मचारियों ने सरकार से मांग उठाई है कि पुरानी पेंशन हर हाल में बहाल की जाए।
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