राज्य के ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन स्कूलों में अब परीक्षाओं के बाद छूट्टियां होंगी। हर साल की तरह इस साल भी शीतकालीन स्कूल पहली जनवरी से 12 फरवरी तक बंद होंगे, जबकि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में कक्षाएं जारी रहेंगी। शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल यही शेड्यूल तैयार किया गया है।
इसमें शीतकालीन स्कूलों में शुक्रवार को नॉन बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू हुईं। लगातार ये परीक्षाएं जारी रहेंगी और 31 दिसंबर को इन कक्षाओं का फाइनल रिजल्ट भी आएगा। इसके साथ ग्रीष्मकालीन स्कूलों में जनवरी और फरवरी में कक्षाएं जारी रहेंगी और 31 मार्च को इन स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट आएगा।
पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए यह शेड्यूल तैयार किया गया है। शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बार स्कूलों के लिए बोर्ड ने टर्म व्यवस्था को लागू किया है, जिसमें बोर्ड कक्षाओं के सेेकेंड टर्म की परीक्षाएं अप्रैल में होनी प्रस्तावित हैं।
हालांकि इसका भी टेंटेटिव शेडयूल तैयार किया गया है। शुक्रवार को स्कूलों में एसओपी के तहत छात्रों की परीक्षाएं करवाई गईं। सुबह 10:30 बजे से परीक्षा शुरू हुई। स्कूलों की ओर से परीक्षा करवाने के लिए तमाम इंतजाम किए गए थे। शिक्षा विभाग ने सभी डाइट केंद्रों को निर्देश जारी किए हैं।
डिप्टी डायरेक्टर, बीआरसीसी, बीईईओ की भी ये ड्यूटियां लगाई गई हैं कि समय पर सभी स्कूलों को ये पेपर मिल जाए। स्कूल स्तर पर सही ढंग से परीक्षाओं का संचालन हो सके और समय पर रिजल्ट तैयार हो सके, इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का भी गठन किया है। इसमें तीसरी कक्षा के लिए सेंटर हैड टीचर, पांचवीं के लिए ब्लॉक एलिमेंटरी एजुकेशन ऑफिसर और आठवीं कक्षा के लिए डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एलिमेंटरी एजुकेशन को नियुक्त किया है।
प्रदेश के कॉलेज भी पहली जनवरी से 10 फरवरी तक बंद होंगे। वहीं पीजी की परीक्षाएं सात अप्रैल के बाद करवाने की तैयारी की जा रही है। इस बार एक माह लेट फाइनल परीक्षाएं छात्रों की होंगी। इसके पीछे का कारण यह है कि कालेजों में सत्र नवंबर माह में शुरू हुआ है।
अहम यह है कि इस बार फस्र्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों की लिखित परीक्षाएं दो साल बाद हो रही हैं। यूजीसी निर्देशों के तहत ही अब एचपीयू ने फाइनल एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी है। कालेज प्रबंधन को छात्रों की असेस्मेंट समय पर भेजने को भी कहा गया है।