हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एक जून से तबादले पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि तबादलों के अभी जितने भी आवेदन आए हैं उनका निपटारा आगामी 15 दिनों में किया जाएगा और उसके बाद पूरे साल ये तबादले नहीं होंगे।
शिक्षा निदेशालय में करीबन 18 हजार तबादलों के लिए आवेदन आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सालभर तबादले इसलिए नहीं किए जा रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ इसको लेकर चर्चा की जा रही है। विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष भी रखेगा ताकि इस पर निर्णय लिया जा सके।
युक्तिकरण के तहत हुए टीजीटी ट्रांस्फर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो शिक्षक स्कूलों में ज्वाइन कर चुके हैं उनके पास ये ऑप्शन है कि वे वापिस पूराने स्कूलों में जा सकते हैं।
इससे पहले सरकार ने 450 टीजीटी शिक्षकों के तबादला आदेश को सरकार ने वापिस ले लिया था। अब रैफर बैक की नोटिफिकेशन भी सरकार ने जारी कर दी है।
उन्होंने कहा कि जिन 70 लोगों ने ज्वाइन किया था वे ऑर्डर भी विड्रॉ कर दिए थे। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की संभावनाएं भी देखी जाएगी कि यदि चंबा जिले के शिक्षक की जरुरत नजदीक के स्कूलों में है तो उसे वहीं एनरोलमेंट को देखकर एड ज्वाइनिंग जिले में ज्वाइनिंग दी जाए।
भविष्य में इस तरह की पॉलिसी बनाने पर सरकार विचार कर रही है। यह केवल उन्हीं स्कूलों में होगा जहां स्टाफ सरप्लस है। इसके लिए जिलों के डिप्टी डायरेक्टर से दस दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
इसमें डिप्टी डायरेक्टर एक प्रपोजल तैयार करेंगे। इसके साथ ही कंसोलिडेशन पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर से 25 मई तक रिपोर्ट मांगी है।
उसके बाद इस मामले में पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के साथ डिस्कस की जाएगी। इससे पहले प्रदेश में जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को बंद किया गया है ऐसे में अब दोबारा ये डाटा कंपाइल किया जा रहा है।
शिक्षक भर्ती पर उन्होंने कहा कि कमीशन की भर्तियां जल्द ही राज्य चयन आयोग के माध्यम से जल्द ही की जाएगी।
100 स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट, डिनोटिफाई होंगे
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीबन 100 स्कूल ऐसे हैं जहां जीरो एनरोलमेंट है। इसके अलावा जमा दो में ये मानक बना है कि 5 किलोमीटर का दायरा है और 6वीं से 12वीं तक यदि बच्चों की संख्या 25 से कम है तो नजदीकी स्कूल में ये स्कूल मर्ज होगा।
इसके साथ ही एनरोलमेेंट 11वीं और 12वीं कक्षा में दस से कम है तो उसे भी मर्ज किया जाएगा। लेकिन इसमें दूरी को भी आधार बनाया जाएगा।
5 बच्चों की संख्या में दूरी नहीं देखी जाएगी। ऐसे स्कूल जहां तीन स्कूलों में एनरोलमेंट एक हजार तक होगी उन्हें भी मर्ज किया जाएगा।
गर्ल्स और ब्वायज स्कूल को इसमें मर्ज करने का प्रस्ताव होगा। इससे स्टाफ की दिक्कत होगी। इसमें करीबन 80 स्कूल ऐसे हैं जहां ये दिक्कत आई है। अभी तक पूरे प्रदेश में 1200 स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है।
प्राथमिक शिक्षकों से वार्ता के लिए तैयार
मांगों को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ सरकार वार्ता के लिए तैयार है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वार्ता के दरवाजे खुले हैं।
संगठन कभी भी वार्ता के लिए आ सकते हैं। गौर रहे के बीते माह 26 अप्रैल से शिक्षक हड़ताल पर है और शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।