शिमला : सोमवार से शुरू हो रहे हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के खूब हंगामेदार रहने के आसार हैं। सदन में चर्चा का केंद्र प्रदेश में आई आपदा रहेगी। प्रदेश सरकार बरसात से हुए नुकसान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का संकल्प प्रस्ताव पहले दिन लाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस प्रस्ताव को सदन में रखेंगे और इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देगा। बरसात से आई त्रासदी को प्रदेश सरकार पहले ही राज्य आपदा घोषित कर चुकी है।
इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए राज्य सरकार के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वढेरा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जबकि हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी हिमाचल की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
अब विधानसभा के मानसून सत्र में सदन के भीतर भी इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
विपक्ष भी सदन को हंगामेदार बनाने की पूरी तैयारी कर चुका है। विपक्ष के तेवरों को लेकर नेताप्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पहले ही पत्ते खोल दिए हैं।
उन्होंने साफ कर दिया है कि विपक्ष इस दफा मानसून की बर्बादी से लेकर चुनाव के वादों की याद सदन में दिलाएगा, लेकिन इसके साथ ही विपक्ष सरकार के नौ माह के कार्यकाल पर भी सवालों की फेहरिस्त तैयार कर चुका है।
इसके अलावा विधानसभा चुनाव से पहले जो वादे किए गए थे, उन्हें लेकर भी विपक्ष तीखे हमले बोलने की तैयारी में है। फिलहाल, सत्र के पहले दिन 41 सवाल पूछे जाएंगे। इनमें ज्यादातर सवाल सडक़ सुविधा से जुड़े हुए हैं। सत्र की शुरुआत दोपहर दो बजे से होगी।
सत्तापक्ष के विधायकों की बैठक आज
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हैदराबाद में दो दिन तक चली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद सोमवार को शिमला लौटेंगे। वह यहां मानसून सत्र में भाग लेने से पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाएंगे।
इस बैठक में आगामी रणनीति तय की जाएगी। प्रदेश सरकार बरसात से हुए नुकसान को लेकर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव भी लाया जाएगा। इसके साथ ही सत्ता पक्ष सदन की तैयारी पर भी इसी बैठक में मंथन करेगा।