हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में समर और विंटर क्लोजिंग छुट्टियों के शेड्यूल में बड़ा बदलाव हो सकता है। हिप्पा में चल रही तीन दिवसीय वर्कशाप में शिक्षा सचिव ने छुट्टियों के बदलाव को लेकर विस्तार से चर्चा की है।
इसमें प्रतिभागियों से सुझाव भी लिए गए हैं। इसमें विंटर वेकेशन और समर वेकेशन को कम या ज्यादा करने पर सहमति बन सकती है।
फिलहाल इसमें सभी जिलों की डिप्टी डायरेक्टर से भी उनकी राय मांगी गई है। उसके बाद फाइनल शेड्यूल जारी किया जाएगा। गौर रहे कि प्रदेश के स्कूलों में विंटर क्लोजिंग स्कूलों की छुट्टियां पहली जनवरी से 15 फरवरी तक होती हैं। यानी स्कूलों में 46 दिन का अवकाश रहता है।
वहीं, विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 20 जून से 28 जुलाई तक अवकाश रहता है, लेकिन दिक्कत यह है कि विंटर क्लोजिंग स्कूलों में जिस समय छुट्टियां पड़ती हैं, उस समय छात्रों को किसी भी तरह का होमवर्क नहीं मिलता।
शिक्षकों का यह कहना है कि बोर्ड एग्जाम के समय बच्चे पूरा याद किया हुआ भूल जाते हैं। वहीं, समर क्लोजिंग स्कूलों में बरसात की छुट्टियों को लेकर हमेशा ही दिक्कत रहती है।
जिस समय यह छुट्टियां होती हैं, उस समय बरसात कई बार पीक पर होती है और कई बार बरसात का मौसम आगे चल जाता है। जिस कारण छोटे बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत आती है। ऐसे में विभिन्न जिलों के लिए विभिन्न तरह का वेकेशन शेड्यूल जारी हो सकता है।
बरसात में उपनिदेशक के पास होगा अवकाश देने का अधिकार
फिलहाल सभी जिला के मुखियाओं से राय मांगी गई है, जिसके बाद फाइनल शेड्यूल जारी किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि जिलों के डिप्टी डायरेक्टर के पास यह पावर होगी कि वह यदि जरूरी हुआ तो जिलों के मुताबिक बरसात के समय कम से कम 15 से 20 दिन की छुट्टियां कर सकते हैं।
हालांकि इसके लिए भी डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन से परमिशन लेनी होगी, लेकिन प्रदेश सरकार ने ये तय किया है कि जिलों की डिप्टी डायरेक्टर के पास यह अधिकार होगा कि वह बरसात को देखते हुए अपने जिलों पर छुट्टियां कर सकते हैं, जबकि इससे पहले केवल जिला प्रशासन को ही यह शक्तियां दी गई थीं।