मंडी कलम की पांच प्राचीन पेंटिंग्स कद्रदानों ने पांच करोड़ में खरीदी हैं। इन पांच पेटिंग को चार करोड़ 98 लाख 50 हजार के दाम मिले हैं।
यह नीलामी मुंबई के पुंडोल्स स्थित नीलामी घर में बीती 15 नवंबर, 2024 को हुई है। बता दें कि मंडी कलम की यह पांच पेंटिंग सदियों पुरानी हैं और मौजूदा समय में इन्हें संग्राहलय में रखा गया था।
उस संग्राहलय के माध्यम से ही इन पेंटिंग्स की नीलामी मुंबई के पुंडोल्स स्थित नीलामी घर में हुई है।
- खास बात यह है कि मंडी कलम की एक पेंटिंग तीन करोड़ में बिकी है। यह पेंटिंग 16वीं सदी की है और इसमें राजसी महिलाओं को चित्रित किया गया है।
- दूसरी पेंटिंग 85 लाख में बिकी है, जो कि 18वीं सदी की हैं और इसमें मंडी शहर के गंधर्व जंगल वाले क्षेत्र को चित्रित किया है।
- तीसरी पेंटिंग 80 लाख में बिकी है, जो कि 18वीं सदी की है और इसमें मंडी में मनाई जाने वाली होली को चित्रित किया है।
- चौथी पेंटिंग 28 लाख में बिकी है। यह 17वीं सदी की है और इसमें एक राजकुमार और महिला को पेड़ के पास खड़ा हुआ दिखाया गया है।
- पांचवीं पेंटिंग पांच लाख 50 हजार में बिकी है, जो कि 18वीं सदी की है ओर इसमें मंडी के तत्कालीन राजा सिद्धसेन को हुक्का पीते हुए दर्शाया गया है।
यह मंडी की प्राचीन कला का सम्मान
पिछले करीब नौ वर्षों से मंडी कलम पर काम कर रहे मंडी शहर निवासी राजेश कुमार कहते हैं कि यह मंडी की उस प्राचीन कला का सम्मान है, जो शायद आज के आधुनिक युग में खो सी गई है।
राजेश ने बताया कि मंडी कलम की चित्रकारी प्राकृतिक रंगों, गिलहरी की पूंछ के बालों से बनी तुलिका से और हाथों से बने वसली कागज पर की जाती है।
यह एक छोटे प्रकार की पेंटिंग होती हैं, जिसमें एक छोटे से चित्र में पूरी कहानी कहने का प्रयास किया जाता है।
मंडी कलम को मिले जीआई टैग
मंडी कलम और टांकरी लिप्पी के संरक्षण पर काम कर रहे मंडी शहर निवासी पारूल अरोड़ा इस प्राचीन कला के सरंक्षण और जीआई टैगिंग के लिए प्रयास कर रहे हैं।
मंडी कलम को भी जीआई टैग मिलने की जरूरत है। कांगड़ा में संपन्न हुए जी 20 सम्मेलन में भी कांगड़ा कलम के चित्रों को ही उपहार स्वरूप दिया गया था।