युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने मझारनू निवासी डुमणु राम

जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत नेर घरवासड़ा के गांव मझारनु निवासी 73 वर्षीय डुमणु राम के लिए कृषि व बागबानी रोजगार का जरिया बना हुआ है।

डुमणु राम

डुमणु राम प्रतिदिन अपने खेतों व पुश्तैनी जमीन से तैयार विभिन्न तरह के कृषि व बागबानी उत्पादों को प्रतिदिन जोगिंद्रनगर बाजार में लाकर बेचते हैं, इससे उन्हें प्रतिदिन आजीविका चलाने योग्य आय अर्जित हो जाती है।

जब इस संबंध में डुमणु राम से बातचीत की, तो उनका कहना है कि जीवन के शुरूआती दौर से ही वे देश व प्रदेश के बाहर विभिन्न स्थानों पर रेहड़ी-फड़ी लगाकर फल इत्यादि बेचकर अपनी आजीविका कमाते आ रहे थे।

इस बीच उम्र बढऩे के साथ साथ पारिवारिक दायित्वों को निभाने के चलते वे वापिस घर आए तथा पुश्तैनी जमीन में कृषि व बागबानी करना शुरू कर दिया। जंगली जानवरों के आतंक के चलते शुरुआती दौर में उन्हें कृषि व बागबानी घाटे का सौदा साबित होने लगी।

फिर वर्ष 2018-19 में कृषि विभाग के माध्यम से मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना की जानकारी मिली तथा लगभग पांच से छह बीघा जमीन में सोलर युक्त बाड़बंदी को लगाया।

डुमणु राम का कहना है कि वर्तमान में उन्होंने अमरूद, प्लम, जापानी फल, अनार, आड़ू, नाख, नाशपती, गलगल, नींबू, जामुन इत्यादि फलदार पौधों को लगाया है। इसके साथ-साथ वे साग, घीया, कद्दू व करेले इत्यादि सब्जियों का भी उत्पादन करते हैं।

उनका कहना है कि जब जब ये फल व सब्जियां पककर तैयार होती हैं, तो वे इन्हें जोगिन्दरनगर बाजार में आकर स्वयं बेचते हैं।

उन्होंने कृषि व बागबानी से दूर होते किसानों विशेषकर युवाओं से आह्वान किया है, कि वे न केवल अपने खेतों से जुड़ें बल्कि कृषि व बागबानी के माध्यम से भी आजीविका कमाने के भरपूर अवसर मौजूद हैं।

वहीं विषयवाद विशेषज्ञ एसएमएस कृषि पद्धर पूर्ण चंद ठाकुर का कहना है कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत लगाई गई सोलर युक्त बाड़बंदी में यदि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत आती है, तो वे सीधे कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

उनका कहना है कि किसानों की ऐसी समस्याओं को न केवल प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा बल्कि बाड़बंदी करने वाली कंपनी के माध्यम से होने वाली तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने का भी प्रयास किया जाएगा।