सुख -समृद्धि की देवी है माँ सुरगनी

कहाँ है सुरगणी माता मंदिर* –
सर्वगुण माता सुरगणी मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले के जोगिन्द्रनगर उप-मंडल में स्थित है। ये मन्दिर सिकंदर धार के पूर्व में चलोटीधार की ऊँची पहाड़ी में समुद्र तल से 6000 फ़ीट की ऊँचाई पर बना है। ये मंदिर त्रैम्बली, कोलंग, खुड्डी, कुठेड़ा, बुलाह, भडयाड़ा 6 पंचायतों के केंद्र में स्थापित है।
*सिकंदर धार का सिकंदर से कनेक्शन* –
कहा जाता है कि 326 ईस्वी पूर्व यूनानी राजा सिकंदर दक्षिण भारत से उत्तरी भारत की तरफ़ आया था, तब इस धार पर सुरगणी माता की एक स्वरूप मंगरौली माता से भयंकर युद्ध हुआ था। इस दौरान मंगरौली माता ने उसकी सेना को वहीं रोक दिया था। इसीलिए इस धार का नाम सिकंदर धार पड़ा।
*जलवायु, फ़सल, सुख समृद्धि की देवी सुरगणी माता* –
बारिश की देवी सुरगणी-माता को बारिश की देवी भी माना जाता है। जब भी इस क्षेत्र में सूखा अथवा अकाल पड़ जाए तो लोग माता से बारिश करने की प्रार्थना करते हैं या फिर माता को जातर देते हैं। इससे खुश होकर माता बारिश करती है।
*देवी के दर्शन की प्राचीन मान्यता* –
सुरगणी माता के इतिहास का एक दूसरा तथ्य ये भी है कि बहुत पहले डब्बू गाँव के पास गुफ़ाओं में एक महात्मा, उनके पास में ही गद्दी और इन्हीं गद्दी के साथ एक लड़का रहता था। कहा जाता है कि इसी लड़के को एक दिन सपना हुआ कि उस डगू गांव के पास गुफाओं में महात्मा ने उन्हें बुलाया है।
इसके बाद जब वो उनके पास गया, तो महात्मा ने पहाड़ी से चिमटा गिराया। फिर जब वो उस चिमटे को ले आया और ऊपर धार की तरफ़ देखा तो वहां रात के समय दिन प्रतीत होने लगा और ऊपर पहाड़ी पर तीन देवियां लाल साड़ी में दिखाई दीं।
साथ ही इसी पहाड़ी के पास उन तीनों के चरण भी दिखे। माना जाता है कि इन 3 देवियों में सुरगणी माता, भभोरी माता और चतुर्भुजा माता के स्वरूप थे।
सुरगणी माता के मन्दिर की आधा किलोमीटर की दूरी पर ही, माता के पैरों के भी निशान हैं। पुराने बुज़ुर्ग बताते थे, कि जब सत्य और धर्म का इस संसार में राज था, तब माता सुरगणी वहाँ दिन में घूमा करती थीं, ये उन्हीं के निशान हैं।
*माता सुरगणी में आस्था*
आज भी इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। आज भी लोग पैदल यात्रा करके मन्दिर में दर्शन करते हैं। त्रैम्बली पंचायत के डूघ गांव से सड़क से ढाई किलोमीटर ऊँची पहाड़ी पर सुरगणी माता मंदिर स्थित है।

2020 में बना भव्य मन्दिर –

प्राचीन काल से ही सुरगणी माता पत्थर की पिंडी रूपी मूर्ति में होती थी। साल 1990-92 में कोलंग पचायत के गांव भरगाई सरून के सूबेदार श्री रोशन लाल जी ने एक छोटा सा मंदिर बनवाया था। लेकिन इसके बावजूद 2017 तक ये पूरी तरह खंडहर बन चुका था।

उसके बाद 2020 में बलवंत ठाकुर, अनिल ठाकुर, राकेश राणा और अन्य कुछ लोगों ने मिलकर मन्दिर कमेटी का गठन किया और लॉकडाउन में एक भव्य दिव्य मंदिर का निर्माण करके अब इसका जीर्णोद्वार भी कर दिया है। इस मन्दिर के लिए दुनिया भर से लोगों ने दान भी किया।

2021 में सुरगणी माता महोत्सव –

सुरगणी माता मंदिर का पुनर्स्थापना उत्सव 11 और 12 अक्टूबर 2021 को मनाया गया। इस दौरान इलाक़े के लोगों के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु वहाँ पहुँचे। यही नहीं हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब से भी कई लोग इस महोत्सव में शामिल हुए।

सूरगणी माता मंदिर कमेटी के सचिव
राकेश राणा

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