जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में आपसी भाईचारे का पर्व लोहड़ी बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कोण बेचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्लेह दी धी व्याही हो, सेर सक्कर पाई हो, कुड़ी दा लाल पताका हो, ए, बी, सी, पंडित जी ….सहित अन्य बोलों के साथ जोगिन्दरनगर में लोहड़ी पर्व धूमधाम से जा रहा है।
आज हर घर में राजमाह,सोयाबीन,माह,मटर,गोभी आदि की खिचड़ी पकाई जाती है जिसे परिवार के सारे लोग मिलकर देसी घी,दूध,दही व मक्खन के साथ खाते हैं.वहीँ लोहड़ी से एक दिन पहले लोगों ने अपने घरों में खूब सारे व्यंजन बनाए जिनमें माह,आलू,कचालू,मूंग आदि की कचौरी शामिल थी.
हालांकि इस बार कोरोना के चलते लोहड़ी पर्व पर बाज़ार में काफी कम रौनक रही, लेकिन इसके बावजूद जोगिन्दरनगर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने ढोल-नगाड़े, टोलियों के साथ लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया। लोगों ने मूंगफली, गचक, रेवड़ी सहित अन्य खाद्य पदार्थो की जमकर खरीददारी की।
शाम ढ़लते ही बच्चों ने घर-घर जाकर लोहड़ी मांगी। इस बार बाजार में मूंगफली का दाम 100 से 140 रुपए के बीच रहा। इसके अलावा गजक तिल गुड़ रेवडिय़़ों की खूब बिक्री हुई। वहीं दूसरी ओर युवा वर्ग ने लोहड़ी पर्व के दौरान नाटी की धुनों पर अपने घर द्वार पर थिरकते रहे।
वहीं निर्धारित समय के अनुसार लोगों ने आंगीठों में रेवड़ी, मूंगफली की आहूति डालकर पूजा-अर्चना की। इसके उपरांत लोगों ने अलग.अलग व्यजंनों को एक-दूसरे को परोस कर लोहड़ी पर्व का आनंद लिया। वहीं, लोगों ने व्हाट्सऐप व फेसबुक के माध्यम से अलग-अलग अंदाज से एक-दूसरे को मैसेज भेजकर लोहड़ी पर्व की बधाई दी।
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