बिलिंग घाटी के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आईं स्थानीय महिलाएं

बैजनाथ : पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व विख्यात बिलिंग घाटी में एक के बाद एक हादसे हो रहे हैं जिससे कई युवा अपनी जान गँवा रहे हैं. हादसों का सबसे बड़ा कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना सामने आया है. कई बार देखा गया है कि असमय हो रही दुर्घटनाओं में प्रशासन और पुलिस की कमी खलती है. ऐसे में अब बिलिंग घाटी के अस्तित्व बचाने के लिए स्थानीय महिलाएं आगे आई हैं. इस सराहनीय प्रयास के लिए महिलाओं की हर जगह प्रशंसा हो रही है वहीँ अब शराबियों के बिलिंग पर पूरी तरह से लगाम लगेगी जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी कम होगा. महिलाओं के इस सराहनीय कदम को सलाम !!

शराबियों की खैर नहीं

अब स्थानीय लोग आगे आए हैं तथा घाटी के अस्तित्व के लिए अब प्रशासन के साथ स्थानीय महिला मंडल एवं पंचायत प्रतिनिधि भी यहां आने वाली हर गाड़ी की चैकिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में जहां बुधवार को करीब 15 गाडि़यों में दारू मिली थी, वहीं गुरुवार को भी यहां 14 गाडि़यों में शराब की बोतलें मिलीं।

बीड़ से भेजे वापिस

इसके चलते इन सभी लोगों को बीड़ से ही वापस भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि आए दिन बिलिंग में नशाखोरी को लेकर जो शिकायतें मिल रही थीं, उन पर अंकुश लगाने के लिए अब बीड़ की महिलाएं आगे आईं हैं। इसके तहत साडा द्वारा रखे गए पैराग्लाइडिंग सुपरवाइजर के साथ महिलाएं अब उन वाहनों की तलाशी ले रही हैं, जो बीड़ से बिलिंग जा रहे हैं।

हाल ही में हो चुके हैं कई हादसे

हाल ही में बिलिंग में एक हादसा होने के बाद पुलिस उपाधीक्षक बैजनाथ ने कहा था कि बैरियर पर चैकिंग के लिए कुछ कर्मियों की तैनाती की जाएगी, मगर पुलिस कर्मियों की कमी के कारण वह संभव नहीं हो सका। ऐसे में अब बिलिंग के अस्तित्व को बचाने के लिए बीड़ के गायत्री महिला मंडल की सदस्यों ने पैराग्लाइडिंग के सुपरवाइजर के साथ बिलिंग जाने वाले हर वाहन की तलाशी का जो अभियान चलाया है, उसके चलते बुधवार को लगभग 15 गाडि़यों में दारू रखी पाई गई।

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