शिमला : हिमाचल प्रदेश में पिछले 72 घंटों से लगातार जारी रही बारिश ने तबाही मचा दी है। जगह-जगह बादल फटने और भूस्खलन से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 26 लोग मलबे में दबने और बहने से लापता हैं।
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मंडी जिले में 23, राजधानी शिमला में 16, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा, कुल्लू और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है।
इस बीच शिमला के कृष्णानगर विष्णु मंदिर क्षेत्र में मंगलवार को बड़ा भूस्खलन हुआ है। करीब छह भवनों के ढहने की सूचना है। दो से तीन और मकानों को खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन में नगर निगम का इकलौता स्लॉटर हाउस भी जमींदोज हो गया है।
पार्षद बिट्टू कुमार के अनुसार दो लोग मलबे में दबे हुए हैं। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पहले ही यहां दरारें शुरू हो गई थीं। ऐसे में लोग अपना सामान भी निकल रहे थे।
सूबे में चार नेशनल हाईवे और 857 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त 4285 बिजली ट्रांसफार्मर और 889 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 323 और शिमला 234 सड़कें बाधित हैं।
मंडी जिले में 2610 और शिमला में 808 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। मंगलवार को किरतपुर-नेरचौक फोरलेन को घुमारवीं के पनोह के पास भारी नुकसान हुआ है। फोरलेन एक तरफ से धंस गया है।
राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान 24 जून से 14 अगस्त तक 83 लोगों की मौत हो चुकी है। 304 घायल हुए हैं। अब तक 1442 घर ढह गए हैं। 8160 घरों को नुकसान पहुंचा है। 272 दुकानों व 2997 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है।
मानसून में अभी तक 7170.85 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 112 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।