मंडी : मंडी संसदीय क्षेत्र से ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर बीजेपी के प्रत्याशी होंगे. भाजपा ने बुधवार को उनके नाम की मुहर लगा दी है. उधर कांग्रेस ने प्रतिभा सिंह को मंडी संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी उतारा है. मण्डी लोकसभा उपचुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया था। भाजपा में उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस था. कारगिल हीरो ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर का नाम फाइनल करने पर सस्पेंस और टिकट को लेकर चर्चा के बाजार पर विराम लग गया है।
अब मंडी उपचुनाव के मैदान में कारगिल हीरो खुशहाल ठाकुर और प्रतिभा सिंह के बीच जंग होगी। प्रतिभा सिंह यहां से दो बार जीती है दो बार हारी है । एक तरफ चार बार चुनाव लड़ने का अनुभव के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह द्वारा छः बार मुख्यमंत्री रहते हिमाचल प्रदेश विकास के लिए किया गया योगदान है। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनके योगदान की चर्चा और मूल्यांकन जनता के बीच काफी चर्चित रहा। उसी का लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने राज परिवार से ही उम्मीदवार उतारने में कोई देर नहीं की।
कांग्रेस उपचुनाव में वीरभद्र सिंह को श्रंद्धाजलि के तौर पर वोट देकर साथ देने की अपील कर रही है। दूसरी तरफ भाजपा के उम्मीदवार खुशहाल ठाकुर का प्रोफाइल भी कम नहीं है। पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध के दौरान अपनी सरहद की रक्षा के लिए इस कदर डट गए कि युद्ध में देश को विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
इसी के चलते उन्हें कारगिल हीरो की उपाधि से नवाजा गया। गौर रहे कि मंडी लोकसभा सीट का एक अपना ही इतिहास रहा है। यहां का जीता हुआ सांसद कभी विपक्ष में नहीं बैठा है। मंडी उपचुनाव रोचक के साथ साथ दोनों पक्षों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल भी है।
कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता एवं पूर्व संचार मंत्री पंडित सुख राम पुनः अपने पोते आश्रय शर्मा को टिकट की मांग कर रहे थे। टिकट न मिलने के बात आश्रय के पिता अनिल शर्मा की मुख्यमंत्री से अचानक हुई मुलाकात भी नया गुल खिला सकती है। दो दलों में बंटा सुखराम परिवार के एक होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।