जोगिन्दरनगर : जोगिंदरनगर उपमंडल के तहत ग्राम पंचायत कस के खरोण गांव के पास पांडो की पहाड़ियों में भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के चलते इस गाँव के सात परिवारों को खतरा पैदा हो गया है। इसी क्रम में जोगिन्दरनगर प्रशासन ने भूस्खलन से प्रभावित खरोण गांव को खाली करवा दिया है।
प्रशासन ने गांव के प्रभावित सभी सात परिवारों को सुरक्षित स्थानों में आश्रय प्रदान कर दिया है। शुक्रवार को तहसीलदार डा. मुकुल शर्मा की अगवाई में 6 लोगों की टीम खरोन पहुंची,
जिसमें कानूनगो विजय कुमार व कस पटवार सर्कल के ग्रामीण राजस्व अधिकारी (पटवारी) रवि थापा सहित साथ लगते पटवार सर्कल के ग्रामीण राजस्व अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान टीम ने प्रभावित लोगों की राय लेकर साथ लगते सुरक्षित घरों में रहने की व्यवस्था करवाई।
प्रशासन ने प्रभावित लोगों के साथ-साथ उनके मवेशियों को भी सुरक्षित में ठहराने की व्यवस्था करवाकर प्रभावितों को आश्वस्त किया है कि उन्हें किसी भी चीज की जरूरत होगी तो उसे यथाशीघ्र उपलब्ध करवाया जाएगा।
वहीं भारी भू-स्खलन से घरों व जमीन को हुए नुकसान का प्रशासन की टीम 2-3 दिन में रिपोर्ट बना देगी, ताकि प्रभावितों को सरकार की ओर से राहत मुहैया हो सके। बता दें कि बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते पांडो की पहाडिय़ों से करीब एक किमी दूर तक भारी भू-ूस्खलन हो रहा है,
जिसकी जद्द में खरोन गांव के 7 परिवार आ गए थे, जिन्होंने 2-3 दिन घर से दूर खेतों में टैंट डालकर जैसे-तैसे समय गुजारा, लेकिन अब प्रशासन की टीम ने बीते गुरुवार को एसडीएम कृष्ण कुमार की अगवाई में पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया।
उन्होंनें स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावितों को सुरक्षित स्थान में शिफ्ट करने का निर्णय लिया, ताकि संभावित जानमाल का नुकसान न हो सके। इस भूस्खलन से गांव के काकू राम, सूंका राम, चीड़ू राम, मदन लाल, कृष्णू राम, राम सिंह व हरिनंद का परिवार प्रभावित हुआ है।
जोगिन्दरनगर के तहसीलदार डा. मुकुल शर्मा का कहना है कि खरोन गांव के 7 परिवारों ंको सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करवा दिया गया है।
साथ में उनके लिए राशन की व्यवस्था भी कर दी गई है। भू-स्खलन से हुए नुकसान की जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेगी ताकि प्रभावितों को सरकार की ओर से मदद मुहैया करवाई जा सके।
पिछले दिनों पूर्व प्रत्याशी एवं प्रदेश कांग्रेस के सचिव जीवन ठाकुर ने भी प्रभावित गाँव का दौरा किया था और उन्होंनें प्रशासन से इस गाँव के लोगों के लिए मदद की गुहार लगाई थी।