हिट एंड रन केस को लेकर कानून के नए प्रावधानों के खिलाफ प्राइवेट ट्रांसपोर्टर सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को हड़ताल के पहले ही दिन जिला भर में केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रांसपोटर्र यूनियन ने प्रदर्शन किए। हड़ताल के पहले ही दिन जिला भर में इसका असर देखने को मिला।
सोमवार को जिला भर में लोकल रूटस पर निजी बसों के पहिये थमे रहे। इसके साथ ही एक उपमंडल से दूसरे उपमंडल और अन्य जिला को भी निजी बसें काफी कम संख्या में चली। जिससे पूरा दिन लोगों को परेशान होना पड़ा।
सोमवार को बाहरी राज्यों से आवश्यक सामान की आपूर्ति भी काफी कम रही और दूध, दहीं, बै्रड, अंडे, राशन, सब्जी, गैस, डीजल पेट्रोल लेकर आने वाले मालवाहक वाहन जिला के विभिन्न हिस्सों में सामान लेकर नहीं पहुंच सके।
जिसका असर यह हुआ कि दोपहर होते होते ही जिला भर में पेट्रोल डीजल, गैस और अन्य सामान का संकट खड़ा हो गया। हड़ताल को लेकर लोगों में कई तरह की अफवाहें फैलते ही पेट्रोल पंप पर वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गई।
कई पेट्रोल पंप ने तेल देने से इंकार कर दिया तो अन्य पंप पर दो घंटे से अधिक की मारामारी के बाद उपभोक्ताओं को थोड़ा बहुत डीजल पेट्रोल मिल सका। मंडी के पड्डल स्थित पेट्रोल पंप ही उपभोक्ताओं को कई घंटे के इंतजार के बाद तेल मिल सका।
हड़ताल को लेकर लोग इतने डरे कि यहां वाहनों की कतारें लग गई। जबकि सौलीखड्ड पंप पर दोपहर होने से पहले डीजल पेट्रोल समाप्त हो गए। हड़ताल के कारण अंतरराज्जीय बस अड्डा मंडी पर काफी कम संख्या में निजी बसें पहुंची।
मंडी सुंदरनगर और अन्य लोकल रूट पर चलने वाली बस सेवाएं सबसे अधिक प्रभावित रही। लोगों को बस अड्डे पर कई घंटों के इंतजार के बाद सरकारी बसें या कुछ अन्य निजी बसें मिल सकी। मंगलवार को भी जिला भर हड़ताल के कारण यह समस्याएं अब और बढ़ जाएगी।
जिला भर में थोक व परचून -किरानें की दुकानें आज चार दिन की छुट्टी के बाद खुलेंगी। हालांकि करियाना की दुकानों में अगले तीन दिन तक के लिए स्टाक उपलब्ध है, लेकिन खत्म होने का अंदेशा है।
पेट्रोल व डीजल न मिलने के कारण पर्यटकों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में कुल्लू -मनाली से मंडी पहुंचे पर्यटक यहां आकर फंस गए। पर्यटकों को पहले मनाली कुल्लू में भी पेट्रोल -डीजल नहीं मिला। पर्यटकों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
क्या है मामला ?
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के मुताबिक, पिछले दिनों केंद्र सरकार तीन नए आपराधिक कानून ले कर आई है.
इस क़ानून के मुताबिक अगर सड़क हादसा होता है तथा हादसे के बाद में ड्राईवर भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
ट्रांसपोर्टर यूनियन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस क़ानून को लेकर एक बार पुनर्विचार करे।