हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं।

मंत्रिमंडल ने तीन नगर परिषदों को नगर निगमों में तथा दो नगर पंचायतों को नगर परिषदों में स्तरोन्नत करने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा राज्य में छह नई नगर पंचायतें बनाने का भी निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में अतिरिक्त क्षेत्रों को शामिल करने को भी मंजूरी दी।

बैठक में हमीरपुर, ऊना व बद्दी को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। साथ ही नादौन व जाबली को नगर परिषद, संधोल, धर्मपुर, बड़सर, भोरंज, बगांणा व कुनिहार को नगर पंचायत बनाने का फैसला लिया गया।

मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया। मल्टी टास्क वर्करों को अब 4500 के बजाय 5000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। मंत्री जगत सिंह नेगी व विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

बुजुर्गों के बीमा कवर व राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना पर बड़ा फैसला

मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना 2023 को क्रियान्वित करने को मंजूरी प्रदान की, जिसके तहत विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़ी ई-टैक्सियों के मालिकों को न्यूनतम 50 हजार रुपये किराया देने का आश्वासन दिया गया है।

इन महिलाओं को मकान निर्माण के लिए मिलेंगे तीन लाख

बैठक में हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत 2.50 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाली विधवा, अकेली निराश्रित और दिव्यांग महिलाओं को मकान निर्माण के लिए तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान करने को स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का लाभ 27 वर्ष की आयु तक के परित्यक्त एवं आत्मसमर्पित बच्चों को भी देने का निर्णय लिया।

विभिन्न विभागों में भरे जाएंगे 426 पद

डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के 30 पद तथा सहायक स्टाफ के 326 पद सृजित करने तथा भरने का भी निर्णय लिया गया।

मंत्रिमंडल ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में एक नई पुलिस चौकी खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को भरने को मंजूरी दी। मत्स्य पालन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 28 पद भरने को भी मंजूरी दी गई।

मंत्रिमंडल ने आबकारी एवं कराधान विभाग में सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारियों के 25 पद भरने का निर्णय लिया।

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर के संचालन को सुचारू बनाने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 10 पदों को भरने का निर्णय लिया।

बैठक में कांगड़ा जिले के देहरा में नव खोले गए खंड चिकित्सा कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया गया।

शिमला जिला के नव स्तरोन्नत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुम्मा के लिए विभिन्न श्रेणियों के चार पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया।

हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज में शुरू होंगे कोर्स

बैठक में ऊना जिले के हरोली में हिमकेप्स नर्सिंग कॉलेज बढे़रा को जीएनएम पाठ्यक्रम में 20 सीटें बढ़ाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने का निर्णय लिया गया, जिससे जीएनएम पाठ्यक्रम में सीटें 40 से बढ़कर 60 हो जाएंगी।

बैठक में राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग महाविद्यालय बंदला बिलासपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी) में एमटेक शुरू करने के साथ संकाय में तीन पदों के भरने का निर्णय लिया गया।

राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज हमीरपुर में कंप्यूटर इंजीनियरिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का नया डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।

पराला में वाइनरी स्थापित होगी, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड हमीरपुर शिफ्ट होगा

मंत्रिमंडल ने शिमला जिले के पराला में वाइनरी स्थापित करने के लिए हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम के पक्ष में आशय पत्र जारी करने को मंजूरी दे दी।

यह निर्णय क्षेत्र के सेब उत्पादकों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने में भी सहायक सिद्ध होगा। शिमला शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के कार्यालय को शिमला से हमीरपुर स्थानांतरित करने पर भी अपनी मुहर लगाई।

सीपीएस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी जाएगी: नेगी

सीपीएस मामले पर भी कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। जगत नेगी ने कहा कि सीपीएस पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेगी।

कहा कि सीपीएस मामले में असम के फैसले को आधार बनाया गया। कहा कि सीपीएस पर हमारा कानून संविधान के अनुसार था। असम में सीपीएस को मंत्री का दर्जा था, लेकिन हिमाचल में ऐसा नहीं था।

जयराम ने पांच साल में क्यों निरस्त नहीं किया सीपीएस एक्ट: नेगी

नेगी ने कहा कि भाजपा जब से सत्ता से बाहर हुई है लोकतंत्र को मानने को तैयार नहीं। पहले धनबल व असांविधानिक तरीके से कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास किया, अब भी इस तरह की कोशिश जारी है।

उन्होंने जयराम से पूछा कि अगर आप सीपीएस के खिलाफ थे तो अपने पांच साल के कार्यकाल में विधानसभा के अंदर इस कानून को निरस्त क्यों नहीं लिया?

सीपीएस के खिलाफ कोर्ट जाने वाले सत्ती भाजपा सरकार के समय में 2008 से 2012 तक खुद पांच साल इसका लाभ लेते रहे। आज जयराम सीपीएस एक्ट को सांविधानिक बता रहे हैं। सारी बातें सत्ता पाने के लिए की जा रही हैं।

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