जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर के अस्पताल से तीन अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सकों के जाते ही अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएँ बुरी तरह से चरमरा गई हैं. लगता है मरीज अब भगवान भरोसे हैं तथा उन्हें उपचार हासिल करना परेशानियों से कम नहीं है. सौ बिस्तर वाले नागरिक अस्पताल में फिर से दस चिकित्सकों के पद खाली हो चुके हैं. अस्पताल में स्वीकृत कुल 19 चिकित्सकों के पदों में से महज़ नौ चिकित्सक अस्पताल में हैं. अब तो हालात ऐसे हो चुके हैं कि मरीजों को लम्बे इंतज़ार के बाद उपचार मिल पा रहा है. सोमवार को मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खूब खिलवाड़ हुआ. अस्पताल का दारोमदार मात्र तीन महिला चिकत्सा अधिकारियों को सौंपा गया था.
गम्भीर मरीज का इलाज़ नहीं है सम्भव
यह दुर्भाग्य की बात है कि अस्पताल में अब किसी गम्भीर मरीज का इलाज़ सम्भव ही नहीं है. अब तो हालात ऐसे हो चुके हैं कि मरीजों को लम्बे इंतज़ार के बाद उपचार मिल पा रहा है. सोमवार को मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खूब खिलवाड़ हुआ. अस्पताल के तीन अनुभवी चिकित्सक अवकाश पर चले गए थे. इस कारण मरीजों को बड़ी मुश्किल से उपचार हासिल हुआ.
दो ओपीडी में मौजूद थे चिकित्सक
आलम यह था कि दो ओपीडी में चिकित्सक मौजूद थे. मरीज उसी ओर उपचार के लिए दिनभर भागते रहे. ऐसे में मरीजों को उपचार के लिए धक्के खाने पड़े. सोमवार को ओपीडी में लगभग डेढ़ सौ से अधिक मरीज उपचार ले लिये पहुंचे थे. अल्प्ताल की दो ही ओपीडी पर चिकित्सक मिले.
10 पद चल रहे हैं खाली
सौ बिस्तर वाले नागरिक अस्पताल में फिर से दस चिकित्सकों के पद खाली हो चुके हैं. अस्पताल में स्वीकृत कुल 19 चिकित्सकों के पदों में से महज़ नौ चिकित्सक अस्पताल में हैं. इस कारण लोगों को उपचार के लिए बेहतर सुविधाएँ नहीं मिल रही हैं जिससे उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है.
क्या कहते हैं मुख्य चिकित्साधिकारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर जीवानंद चौहान का
कहना है कि तीन अनुभवी चिकित्सकों की पदोन्नति के कारण यह समस्या पेश आई. अस्पताल में एक साथ पांच चिकित्सकों के अवकाश स्वीकृति पर अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब किया जाएगा. उनका कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए पत्राचार किया गया है.