हिमाचल प्रदेश में मिल गई कॉन्ट्रैक्ट सर्विस की सीनियोरिटी

शिमला : हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार के कई विभागों में नियुक्ति की तिथि से सीनियोरिटी देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एचपी एसआईडीसी से हाई कोर्ट गए सुशांत सिंह नेगी बनाम हिमाचल सरकार केस में आए फैसले के आधार पर अपने यहां से जूनियर एन्वायरन्मेंटल इंजीनियर को असिस्टेंट एन्वायरनमेंटल इंजीनियर के पद पर प्रोमोट किया है।

यह प्रोमोशन नियुक्ति की तिथि से सेवाकाल को काउंट करते हुए दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ज्वॉइंट कंट्रोलर विकास गुप्ता की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार उन्हें प्रोमोशन बेशक मिली है, लेकिन फाइनांशियल बेनेफिट नोशनल आधार पर दिया गया है, लेकिन एडहॉक के साथ कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को भी अब सेवाकाल में गिना गया है।

राज्य सरकार की व्यवस्था में कॉन्ट्रैक्ट सर्विस को सीनियोरिटी के लिए अभी तक गिना नहीं जाता था। इसी तरह के मामले आयुर्वेद और शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट में हार चुका है।

इसीलिए अन्य विभागों में भी इस प्रक्रिया को अब अपनाना पड़ेगा। आयुर्वेद विभाग के शीला देवी केस में राज्य सरकार की ओर से क्यूरेटिव पिटीशन भी खारिज हो चुकी है।

यह अप्पर लिमिट होगी। यदि एनपीएस वाले किसी कर्मचारी को री एम्पलाई किया जा रहा है, तो सैलरी कम भी हो सकती है। इन्हें एक महीने की सेवा के बाद एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी।

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