जोगिन्दरनगर : प्रदेश में बेमौसमी बारिश व बर्फ़बारी होने से किसान व बागवान परेशान हैं. वहीँ मंडी जिला में भी हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों व बागबानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बुधवार दोपहर बाद हुई ओलावृष्टि व बारिश से फलदार पौधों और सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं हाल ही में किसानों द्वारा काटी गई गेहूं की फसल खेतों में खराब हो गई है।
पिछले कुछ दिनों से बारिश के चलते मंडी जिला में गेहूं की फसल की कटाई रुक गई है। बता दें कि मंडी जिला में गेंहू की फसल पककर बेशक तैयार हो चुकी है, लेकिन समय पर बारिश न होने से पहले ही गेंहू का उत्पादन काफी कम हुआ है। अब फसल की कटाई के दौरान लेट बारिश होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। मंडी जिला में अधिकांश किसानों ने आधे से ज्यादा गेंहू की फसल पशुचारे के रूप में इस्तेमाल कर मवेशियों को खिला दी है।
इन दिनों शेष बची फसल को काटने का कार्य शुरू हुआ था, लेकिन बुधवार को बिगड़े मौसम के मिजाज ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इसके अलावा कम बारिश के चलते जिला में 20 हजार हेक्टेयर में भूमि पूरी तरह सूख गई है। जिला में 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की फसल का उत्पादन नहीं हो पाया है।
हालांकि हर वर्ष एक लाख 15 हजार मिट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होता था। विभाग ने केवल 80 हजार मीट्रिक टन ही गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है। सूखे के चलते कृषि के क्षेत्र में 10 करोड़ 4 लाख का नुकसान हो चुका है।
एक तो पहले ही कम बारिश होने की वजह से फसल कम हुई है। अब जब फसल की कटाई का कार्य शुरू हुआ है तो बारिश का दौर शुरू हो गया है। इससे लगातार नुकसान बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा ओलावृष्टि से नकदी फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।
इस बारे में कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक डा. कुलदीप वर्मा का कहना है कि बारिश के कारण गेहूं की फसल की कटाई प्रभावित हुई है, लेकिन सब्जियों के लिए बारिश की काफी जरुरत है।